Loksabha Election: सोनिया-प्रियंका के खिलाफ KCR का प्लान, अगर तेलंगाना से ठोकी ताल तो इस उम्मीदवार से होगी सियासी जंग
तेलंगाना कांग्रेस ने सोनिया गांधी को राज्य की किसी सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पास किया है. अगर सोनिया या प्रियंका तेलंगाना से लड़ती हैं, तो केसीआर अपनी बेटी को उनके खिलाफ खड़ा करेंगे.
कांग्रेस को तेलंगाना विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत मिली है. दक्षिण के इस राज्य में मिली जीत के बाद तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं का उत्साह बढ़ा हुआ नजर आ रहा है. इसी बीच तेलंगाना कांग्रेस ने सोनिया गांधी को लेकर प्रस्ताव पास किया है कि वे उनके प्रदेश से ही लोकसभा चुनाव लड़ें. अटकलें ये भी लगाई जा रही हैं कि सोनिया की जगह प्रियंका तेलंगाना से चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसे में अब बीआरएस चीफ और पूर्व सीएम चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपनी बेटी के. कविता को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी शुरू कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक, अगर सोनिया या प्रियंका गांधी तेलंगाना की किसी सीट से चुनाव लड़ती हैं, तो उस सीट से बीआरएस के कविता को उम्मीदवार बनाएगी. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीआरएस लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. इसके लिए संसदीय क्षेत्रों में बैठकें हो रही हैं और सूत्रों का कहना है कि अगर गांधी परिवार तेलंगाना से चुनाव मैदान में उतरता है, तो उनके खिलाफ निजामाबाद से पूर्व सांसद और केसीआर की बेटी को उम्मीदवार बनाया जाएगा.
मेडक सीट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं सोनिया
सोनिया गांधी को लेकर तेलंगाना में प्रस्ताव पास होने के बाद से अटकलें लगाई जा रही है कि वे या प्रियंका गांधी तेलंगाना के मेडक सीट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं. इस सीट से पूर्व पीएम इंदिरा गांधी भी इलेक्शन लड़ चुकी है. कांग्रेस नेता मधु याक्षी गौड़ ने कहा कि हमने प्रस्ताव पारित किया है कि सोनिया गांधी तेलंगाना से चुनाव लड़ें. उनके लड़ने से पूरे दक्षिण भारत में पार्टी को फायदा होगा.
अगर तेलंगाना कांग्रेस का प्रस्ताव मानते हुए सोनिया राज्य की किसी सीट से चुनाव लड़ती हैं, तो वे रायबरेली की सीट छोड़ सकती हैं. सोनिया फिलहाल रायबरेली से सांसद हैं. रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. सोनिया बीते चार चुनाव में यहां से जीतती रही हैं. उनको हर चुनाव में यहां 50 फीसद से ज्यादा वोट मिले हैं. देश में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव में 3 चुनाव छोड़ दें तो ये सीट हर बार कांग्रेस के पास रही है. देश के 72 साल के चुनावी इतिहास में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट 66 साल तक कांग्रेस के पास रही है.