नई दिल्ली: पीएम केयर्स फंड का हिसाब देते वक्त वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा गांधी परिवार पर टिप्पणी के बाद आज लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस सदस्यों की अगुवाई में विपक्ष ने माफी की मांग की. चार बार सदन स्थगित होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों से कहा कि अगर आपको तकलीफ पहुंची है तो मैं आपसे माफी मांगता हूं. उनके इस बयान के बाद अनुराग ठाकुर ने सदन में माफी मांगी तब जाकर कहीं शाम 6 बजे लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हो सकी.
दरअसल वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर लोकसभा में पीएम केयर्स फंड का हिसाब दे रहे थे. उन्होंने सदन में कहा कि इस फंड में बच्चों, गरीबों, मजदूरों सभी ने योगदान दिया है. विपक्ष बिना कारण ही इसका विरोध कर रहा है जैसे उसने नोटबंदी, जीएसटी और ट्रिपल तलाक का विरोध किया था. इसी दौरान ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमआरएफ) को गांधी परिवार के लिए बनाया गया था. वित्त राज्य मंत्री ने उन सभी नामों को उजागर करने की चेतावनी दी जिन्हें प्रधानमंत्री राहत कोष से फायदा पहुंचा है. उनके इस बयान के बाद ही सदन में हंगामा शुरू हो गया. कांग्रेस के साथ-साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद भी हंगामा करने लगे और माफी की मांग करने लगे.
इस बीच लोकसभा की कार्यवाही को 3 बजकर 50 मिनट पर आधे घंटे के लिये स्थगित कर दिया गया. एक बार के स्थगन के बाद लोकसभा की बैठक फिर शुरू होने पर भी सदन में शोर-शराबा जारी रहा और पीठासीन सभापति रमा देवी ने कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही शाम 5 बजे तक के लिये स्थगित कर दी. बता दें कि टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने स्पीकर पर सत्ताधारी बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया. आखिरकार लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को हस्तक्षेप करना पड़ा. उन्होंने सदन में कहा, 'सोमवार से सदन की कार्यवाही जिस तरह चली है उससे देश में अच्छा संदेश गया है. बतौर स्पीकर उनके लिए सभी सदस्य समान हैं. लोकसभा की उच्च मर्यादा की परंपरा रही है. अगर किसी को तकलीफ पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं.'
इसके बाद रक्षा मंत्री और लोकसभा के उप नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि बतौर स्पीकर ओम बिरला का कार्यकाल बेहद निष्पक्ष और गरिमापूर्ण रहा है. रक्षा मंत्री के बाद वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'अगर मेरी बातों से किसी को पीड़ा पहुंची है तो मैं खेद प्रकट करता हूं.' ठाकुर के इस बयान के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चली और वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों और वर्ष 2016-17 की अतिरिक्त अनुदान की मांगों पर चर्चा शुरू हुई.