लंदन: ब्रिटेन की अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की नई जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी. इससे नीरव मोदी को तगड़ा झटका लगा है. नीरव ने मुचलके के तौर पर 40 लाख पाउंड की भारी धनराशि का भुगतान करने के साथ ही निगरानी में रखे जाने की पेशकश की थी लेकिन अदालत ने उसकी दलील को अनसुना कर दिया.
नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से जुड़े दो अरब डॉलर के धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है. जमानत के लिए चौथी कोशिश के तहत नीरव ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में न्यायाधीश एम्मा अर्बथनॉट के सामने याचिका दी.
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इसी अदालत में पिछली पेशी की तुलना में नीरव इस बार तंदुरूस्त लग रहा था. उसने सफेद रंग की कमीज और नीले रंग का स्वेटर पहन रखा था. सुनवाई के बाद वापस उसे वैंड्सवर्थ जेल भेज दिया गया. अब चार दिसंबर को वीडियो लिंक के जरिए इसी अदालत में उसकी पेशी होगी.
न्यायाधीश एम्मा अर्बथनॉट ने कहा कि "अतीत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भविष्य में क्या हो सकता है." न्यायाधीश ने कहा कि वह अब भी नहीं मानती हैं कि वह (नीरव) सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा और मई 2020 में मुकदमे के दौरान अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर देगा.
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न्यायाधीश ने कहा कि नीरव ने खुद माना है कि वह 'अवसाद' में है और यह ऐसी वजह नहीं है कि वह जमानत से इंकार के पुराने आदेश को बदल दें. न्यायाधीश ने नीरव मोदी की नयी जमानत याचिका के बारे में पिछले महीने भारतीय मीडिया को खबरें लीक करने की भी आलोचना की.
खबरों में गोपनीय चिकित्सा रिपोर्ट के जरिए उसकी मानसिक स्थिति के बारे में बताया गया था. न्यायाधीश ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि डॉक्टरों की रिपोर्ट लीक हुई. ऐसा नहीं होना चाहिए. इससे अदालत के प्रति भरोसा घटेगा.
भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के लिए पेश जेम्स लेविस ने जोर दिया कि इस तरह की ‘लीक’ अफसोसजनक है, लेकिन यह भारत की ओर से नहीं हुआ. उन्होंने जमानत याचिका को इस आधार पर चुनौती दी कि पूर्व के तीन मौके की तरह इस बार भी परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और नीरव का इरादा ब्रिटेन से भागने का है.
नीरव के वकील हूगो कीथ ने पूर्व में 20 लाख पाउंड मुचलके की जगह 40 लाख पाउंड देने और इलेक्ट्रॉनिक टैगिंग के साथ लगातार निगरानी की पेशकश की. नीरव मोदी 19 मार्च को गिरफ्तारी के बाद दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में है. भारत सरकार के अनुरोध पर स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने प्रत्यर्पण वारंट की तामील करते हुए उसे गिरफ्तार किया था.