लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त लंदन के दौरे पर हैं. लंदन में आज उन्होंने लिंगायत समाज के सबसे बड़े गुरु बसवेश्वर को श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने टेम्स नदी के तट पर स्थित अल्बर्ट एमबैंकमेंट गार्डन्स में 12 वीं सदी के लिंगायत दार्शनिक और समाज सुधारक बसवेश्वर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए. बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन द बसवेश्वर फाउंडेशन ने किया था. यह ब्रिटेन का गैर सरकारी संगठन है, उसी ने बसवेश्वर की प्रतिमा स्थापित की है.

कर्नाटक चुनाव में लिंगायत समाज के वोट के लिए छिड़ी लड़ाई

गौरतलब है कि कर्नाटक में मई में होने वाले चुनाव में लिंगायत और वीरशैव समुदाय का मतदाताओं के रूप में खासा महत्व है क्योंकि यहां की कुल आबादी में उनकी संख्या 17 फीसदी है. इन समुदायों को बीजेपी का परंपरागत मतदाता माना जाता है. मोदी कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्मेंट बैठक में शामिल होने के लिए यहां के चार दिवसीय दौरे पर हैं.



भारतीय दार्शनिक, समाज सुधारक और राजनेता थे बसवेश्वर

भारतीय दार्शनिक और समाज सुधारक बसवेश्वर की तरफ से लोकतांत्रिक विचारों, सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है. बसवेश्वर (1134-1168) भारतीय दार्शनिक, समाज सुधारक और राजनेता थे, जिन्होंने जातिरहित समाज बनाने का प्रयास किया और जाति और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी.

वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान लगाई गई थी बसवेश्वर की प्रतिमा 

भारत बसवेश्वर को लोकतंत्र के अगुआओं में से एक मानता है. भारतीय संसद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान उनकी प्रतिमा लगाई गई थी.  बसवेश्वर और भारतीय समाज में उनके योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए भारत ने सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया था.