लंदन: बैंकों को करोड़ों का चूना लगाकर भारत से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या का फिलहाल प्रत्यर्पण नहीं होगा. लंदन की एक अदालत ने आज माल्या की जमानत 12 सितंबर तक बढ़ा दी. सुनवाई के वक्त सीबीआई और ईडी की टीम लंदन में मौजूद थी.


किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व मालिक माल्या ने धोखाधड़ी और तकरीबन 9000 करोड़ रुपये के मनीलॉन्ड्रिंग के आरोपों में प्रत्यर्पण के भारत के प्रयासों को चुनौती दी है. वह पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हैं. माल्या अपने बेटे सिद्धार्थ के साथ अदालत पहुंचे. माल्या ने सुनवाई से पहले कहा था, ‘‘अंतत: अदालत फैसला करेगी.’’





27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बल मिला था जब जज आरबथनॉट ने इस बात की पुष्टि की थी कि भारतीय अधिकारियों ने जो सबूत सौंपे हैं, उसे स्वीकार किया जाएगा.


सीबीआई ने ब्रिटेन की अदालत को ढेर सारे दस्तावेज सौंपे थे, जिनमें आईडीबीआई बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक बी के बत्रा के खिलाफ साजिश का मामला भी शामिल है. बत्रा का अदालत में मामले में नये ‘खलनायक’ के तौर पर उल्लेख किया गया है.

माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर मुकदमा पिछले साल चार दिसंबर को लंदन की अदालत में शुरू हुआ था. इसका लक्ष्य माल्या के खिलाफ पहली नजर में धोखाधड़ी का मामला बनाना है. माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़ने के बाद से ब्रिटेन में हैं.


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