लंदन/नई दिल्ली: भारत के अनेक बैंकों को 9 हज़ार करोड़ रुपये का चुना लगाकर देश से फरार होने वाले उद्योगपति विजय माल्या को भारत लाने का रास्ता साफ होता दिख रहा है. विजय माल्या मामले में आज लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए प्रत्यर्पण का आदेश दिया. माल्या मार्च 2016 में भारत से भाग गया था.


हालांकि, माल्या वेस्टमिंस्टर कोर्ट के फैसले को बड़ी अदालत में चुनौती दे सकता है. अगर वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी कोर्ट में अपील करता है तो उसे भारत लाने में वक्त लगेगा. कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए विजय माल्या के पास 14 दिनों का समय है.


गौरतलब है कि हाल ही में माल्या ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा था और बिना ब्याज के पूरी रकम लौटाने का वादा किया था. उन्होंने ट्वीट किया था, "मैंने एक रूपया भी उधार नहीं लिया. रिण किंगफिशर एयरलाइन ने लिया था. कारोबार के वास्तव में और दुखद रूप से नाकाम होने पर यह धन डूबा. गारंटर होना धोखाधड़ी नहीं है."


बता दें कि इससे पहले माल्या ने ट्वीट कर कहा था कि वह बैंकों का मूल पैसा लौटाने के लिए तैयार है. माल्या ने ट्वीट किया था, ''उन्होंने कहा, ''पिछले तीन दशकों तक सबसे बड़े शराब समूह किंगफिशर ने भारत में कारोबार किया. इस दौरान करोड़ों की मदद की. किंगफिशर एयरलाइंस भी सरकार को भरपूर भुगतान कर रही थी. लेकिन शानदार एयरलाइंस का दुखद अंत हुआ, मगर फिर भी मैं बैंकों को भुगतान करना चाहता हूं जिससे उन्‍हें कोई घाटा न हो. कृपया ऑफर को स्‍वीकार करें.''