नई दिल्ली: सु्प्रीम कोर्ट में चल रही लोन मोरेटोरियम की सुनवाई टल गई है. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के दूसरे केस में व्यस्त होने के चलते आज सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस मामले पर पांच नवंबर को सुनवाई होगी.


आज रिज़र्व बैंक ने कोर्ट को बताया है कि उसने सभी बैंकों को 2 करोड़ तक के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज न लेने का निर्देश दिया है. साथ ही 6 महीने के मोरेटोरियम अवधि के लिए वसूले गए अतिरिक ब्याज को लौटाने के लिए भी कहा है. कोर्ट को आम लोगों को दी गई राहत के साथ अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों को राहत पर भी विचार करना है.


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में लोन मोरेटोरियम मामले पर लंबी सुनवाई के बाद केंद्र सरकार ने कहा था कि ग्राहकों को राहत देने के लिए ब्याज के ऊपर लगने वाला ब्याज का भुगतान किया जाएगा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए कहा था. बाद में सरकार ने एलान किया था कि ब्याज के ऊपर लगने वाला ब्याज का भुगतान पांच नवंबर से पहले सभी ग्राहकों के बैंक अकाउंट में कर दिया जाएगा.


आखिर क्या है लोन मोरेटोरियम?
मोरेटोरियम का मतलब होता है आप अगर किसी चीज का भुगतान कर रहे हैं तो उसे एक निश्चित समय के लिए रोक दिया जाएगा. मान लीजिए अगर आपने कोई लोन लिया है तो उसकी ईएमआई को कुछ महीनों के लिए रोक सकते हैं. हां लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आपकी ईएमआई माफ कर दी गयी है.


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