नई दिल्ली: लोन मोरेटोरियम मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई की जाएगी. जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से लगातार ब्याज में राहत की मांग की जा रही है. याचिकाकर्ता का कहना है कि कोरोना के कारण लोगों के क्रेडिट स्कोर पर काफी असर पड़ा है. ऐसे में ब्याज पर राहत दिए जाने की दरकार है.


सुप्रीम कोर्ट में लोन मोरेटोरियम मामले में आज सुनवाई की जाएगी. इससे पहले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कोरोना संकट के दौरान लोगों का क्रेडिट स्कोर काफी प्रभावित हुआ है. जिसके कारण भविष्य की भुगतान की संभावनाएं भी प्रभावित होंगी. वहीं वसूली के लिए बैंकों की ओर से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, इसलिए ब्याज में राहत दिए जाने की काफी ज्यादा जरूरत है.


केंद्र कर चुकी है विरोध


वहीं पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिसंबर तक मामले को स्‍थगित कर दिया था. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बैंक व्यापार के सामान्य नियमों का पालन कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार लोन मोरेटोरियम को फिर से बढ़ाने का विरोध कर चुकी है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से कहा गया कि छोटे कर्जदारों को पहले ही लोन मोरेटोरियम का फायदा दिया जा चुका है. वहीं मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने से मुश्किलें बढ़ेगी.


क्या है मामला


बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों की आमदनी में आई कमी के मद्देनजर इस साल मार्च से अगस्त तक मोरेटोरियम योजना लागू की गई थी. इसके तहत लोगों को बैंक लोन पर बकाया किश्त टालने की छूट दी गई थी. योजना का लाभ लेने वालों की शिकायत थी कि अब बैंक बकाया राशि पर अतिरिक्त ब्याज लगा रहे हैं, जो कि सही नहीं है.


इस मामले पर कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछा था. इसके बाद सरकार ने 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए ब्याज के ऊपर ब्याज न लगाने का फैसला लिया. इसमें 2 करोड़ रुपये तक के लघु और मध्यम दर्जे के व्यापार के लोन, एजुकेशन लोन, होम लोन, उपभोक्ता सामग्री के लिए लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, कार-टू व्हीलर लोन और पर्सनल लोन को शामिल किया गया.


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