सामान को डेस्टीनेशन तक पहुंचाने वाले लंबी दूरी के ड्रोन का परीक्षण इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. देश में अपने तरह का यह पहला प्रायोगिक ड्रोन होगा जिसका इस्तेमाल लंबी दूरी तक सामान पहुंचाने के लिए किया जाएगा. इकनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक सरकारी सूत्रों और इस वाकये से अवगत कंपनियों ने बताया कि मेडिसीन, ई-कॉमर्स और फूड डिलिवरी के लिए इस ड्रोन का परीक्षण किया जा रहा है जिसका सफल होना तय है. इस ड्रोन को एक खेप में अधिकतम 20 किलोमीटर तक उड़ान भरने की अनुमति सरकार ने दी है. वर्तमान में ऑपरेटर को 450 मीटर तक ही उड़ान भऱने की अनुमति है. परीक्षण के बाद राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु और पंजाब में प्रायोगिक तौर पर डिलिवरी के लिए लंबी दूरी के ड्रोन चलाने की अनुमति होगी. 


राजस्थान में Swiggy के लिए फूड डिलिवरी 
इस सप्ताह के अंत तक  वैश्विक ड्रोन सेवा प्रदाता कंपनी ANRA Technologies भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ के साथ गठजोड़ करके दवाओं की डिलीवरी करेगी. साथ ही राजस्थान के जावरा में Swiggy  के लिए फूड ऑर्डर की डिलीवरी भी देगी. दूसरी तरफ Throttle Aerospace और Daksha Unmanned Systems ने तमिलनाडु और कर्नाटक के साथ समझौता किया है जिसके तहत ड्रोन थुरुवलुवर और गौरीबीदानुर में मेडिसीन की डिलिवरी करेगा. 


अगले साल तक गाइडलाइन बन जाएगी
मई 2019 में नागरिक उड्डयन निदेशालय के डीजी ने आंखों से ओझल BVLOS (beyond visual line of sight) होने वाले ड्रोन का प्रायोगिग तौर पर परीक्षण के लिए expression of interest जारी किया था. इसमें ड्रोन वेस्ड डिलिवरी और लंबी दूरी के ड्रोन के इस्तेमाल के लिए गाइडलाइन बनाने की बात कही गई थी. नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अंबर दुबे ने बताया कि मुझे आशा है, उम्मीद है कि 31 दिसंबर 2021 को लोगों की राय जानने के लिए इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी. फाइनल गाइडलाइन के 31 मार्च 2022 तक आने की संभावना है.   


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