असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को पड़ोसी राज्य मेघालय के एक निजी विश्वविद्यालय पर अपने परिसर में पहाड़ियों को ध्वस्त कर नई अवसंरचानाएं बनाने के लिए ‘‘बाढ़ जिहाद’’ में शामिल होने का आरोप लगाया और दावा किया कि इसके कारण गुवाहाटी में व्यापक पैमाने पर जलभराव हो गया.


सरमा ने मेघालय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूएसटीएम) की ओर इशारा किया, जिसकी स्थापना महबूबुल हक ने की थी और वह इसके कुलाधिपति भी हैं. यूएसटीएम के अधिकारियों से इस संबंध में तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिली है.


सरमा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि विश्वविद्यालय एक मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए नई इमारतों के निर्माण के वास्ते अपने परिसर में सभी पहाड़ियों को गिरा रहा है और यह गुवाहाटी में जलभराव का एक कारण है.


उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यूएसटीएम के मालिक ने ‘बाढ़ जिहाद’ शुरू कर दिया है. कोई भी प्रकृति प्रेमी व्यक्ति इस तरह से जंगलों और पहाड़ियों को इतनी बेरहमी से नहीं काटता. आजकल, उचित वास्तुशिल्प डिजाइन के साथ पहाड़ियों पर इमारतें बनाई जा सकती हैं.’’


यूएसटीएम मेघालय के री-भोई जिले में गुवाहाटी के बाहरी इलाके में स्थित है. सोमवार से गुवाहाटी में हो रही भारी बारिश के दौरान, यूएसटीएम के निकट कई स्थानों पर जमा पानी सड़कों पर आ गया.


सरमा ने कहा, ‘‘यूएसटीएम मेघालय में स्थित है, लेकिन इसके 90 प्रतिशत छात्र और शिक्षक असम से हैं. यदि हमारे छात्र और शिक्षक वहां जाना बंद कर दें, तो पहाड़ियों का विनाश अपने आप बंद हो जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा को एक पत्र भेजा गया है और दोनों मुख्यमंत्री इस समस्या पर चर्चा करने के लिए बैठक करने वाले हैं.


गुवाहाटी में बाढ़ प्रबंधन को लेकर हो रही कड़ी आलोचना के खिलाफ अपनी सरकार का बचाव करते हुए सरमा और उनके कैबिनेट सहयोगी दावा कर रहे हैं कि मेघालय से आए पानी के कारण शहर में जलभराव हो गया है.