Look out Notice: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की दिन पर दिन मुश्किलें बढ़ते दिख रही है. सीबीआई (CBI) की छापेमारी के बाद अब मनीष सिसोदिया के खिलाफ लुकआउट नोटिस (Look Out Notice) जारी कर दिया गया है. कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में ये नोटिस जारी किया गया है. वहीं इस मामले में सिसोदिया के अलावा 12 लोगों के खिलाफ ये लुकआउट सर्कुलर (Look Out Circular) जारी हुआ है.
ऐसे में ये समझना जरूरी हो जाता है कि क्या होता है लुकआउट सर्कुलर या लुकआउट नोटिस
दरअसल, लुकआउट सर्कुलर को लुकआउट नोटिस भी कहा जाता है. अर्थ दोनों का एक ही है. ये एक सर्कुलर होता है जिसे एजेंसी के अधिकारियों द्वारा ये सुनिश्चित करने के लिए जारी किया जाता है कि आपराधिक मामले में नामित शख्स देश छोड़कर भाग ना सके. अधिकतर तौर पर ये नोटिस तब जारी किया जाता है जब नामित वक्ति को लेकर डर हो कि ये फरार हो सकता है.
वहीं, पुलिस कुछ मामलों में वक्ति की देश से बाहर आवाजाही पर रोक लगाने के अदालत का दरवाज़ा खटका सकती है. ऐसा तब होता है जब किसी मामले में कोई शख्स संदिग्ध हो या दोषी हो और अधिकारियों को डर हो कि वो देश छोड़कर भाग सकता है.
किस के पास है नोटिस जारी करने का अधिकार?
लुकआउट सर्कुलर जारी करने के मामले में ईडी का नाम अधिकतर सामने आता है. हालांकि कानूनी तौर पर कई एजेंसी और अथॉरिटीज हैं जिन्हें ये नोटिस जारी करने का अधिकार है. किसी प्रदेश के डिप्टी सेक्रेटरी, जॉइंट सेक्रेटरी या उससे ऊपर वाली रैंक के अधिकारियों को नोटिस जारी करने का अधिकार है. वहीं, जिला मजिस्ट्रेट, एसपी, इंटरपोल ऑफिसर पर भी ये अधिकार होता है.
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