देश में कोराना के चलते लगे लॉकडाउन के कारण व्यापारियों को हुआ 15 लाख करोड़ का नुकसान- सीएआईटी
देश में चल रहे कोरोना काल और कोरोना के चलते किये गए लॉकडाउन की वजह से देश के व्यापारियों को 100 दिनों के दौरान करीब 15 लाख का नुकसान उठाना पड़ा है. जरूरी कदम उठाने की है आवश्यकता.
नई दिल्ली: देश में चल रहे कोरोना काल और कोरोना के चलते किए गए लॉकडाउन की वजह से देश के व्यापारियों को 100 दिनों के दौरान करीब 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. इसकी वजह से देश में करोड़ों व्यापारी ऐसे हैं, जो काफी परेशान हैं, क्योंकि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी आज भी बाजार में ग्राहक नहीं हैं. साथ ही इसी के चलते व्यापारियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.
यह बात कही है कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने देश भर के व्यापारियों से जुटाई गई जानकारी के आधार पर. इसी आधार पर कॉन्फ़िडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सरकार से देशभर के व्यापारियों किसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए आर्थिक कदम उठाने और सहायता देने की मांग की है.
लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी नहीं सुधरे व्यापारियों के हालात- कैट
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक देश में कोरोना महामारी के चलते पिछले 100 दिनों में भारतीय खुदरा व्यापार को लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार घाटे का सामना करना पड़ा है. इतना ही नहीं लॉकडाउन खुलने के 45 दिनों के बाद भी देश भर में व्यापारी वित्तीय संकट, कर्मचारियों की कमी और दुकानों पर ग्राहकों की संख्या में आई कमी से काफी परेशान हैं.
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की तरफ से कहा गया है कि देश में घरेलू व्यापार अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है और रिटेल व्यापार पर चारों तरफ से बुरी मार पड़ रही है. अगर तुरंत इस स्तिथि को ठीक करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाये गए तो देश भर में लगभग 20% दुकानों को बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा, जिसके कारण बड़ी संख्यां में बेरोजगारी भी बढ़ सकती है.
हर महीने हो रहा है करोड़ों का नुकसान
कैट के अनुमान के मुताबिक देश के घरेलू व्यापार को अप्रैल महीने में लगभग 5 लाख करोड़ का जबकि मई में लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. वहीं, जून महीने में यानी लॉकडाउन हटने के बाद लगभग 4 लाख करोड़ का और जुलाई के शुरुआती 15 दिनों में लगभग 2.5 लाख करोड़ के व्यापार का घाटा हुआ है.
सरकार से आर्थिक पैकेज और आर्थिक सहायता की मांग- कैट
कैट की जुटाई गई जानकारी के मुताबिक अभी तक देश भर में व्यापारियों को केंद्र सरकार या राज्य सरकारों के कोई आर्थिक पैकेज पैकेज नहीं दिया गया है. जिसके कारण व्यापार को फिर से पटरी पर लाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है.
लिहाज़ा ज़रूरत इस बात की है कि इन मुश्किल हालातों में व्यापारियों को ऋण आसानी से मिले इसके लिए एक मजबूत वित्तीय तंत्र तैयार किया जाए. जिससे कि व्यापारियों को करों के भुगतान में छूट और बैंक ऋण, ईएमआई आदि के भुगतान के लिए एक विशेष अवधि दी जाए और उस अवधि पर बिना कोई ब्याज अथवा पेनल्टी न जोड़ी जाए.
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