महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर के बाद अब हनुमान चालीसा पर बवाल मचा हुआ है. विधायक रवि राणा और सांसद नवनीत राणा ने ठान लिया है की वो कल सुबह 9 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगी.
विधायक रवि राणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि महाराष्ट्र में इतनी समस्या है और हमारे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कभी किसी मंत्रालय नहींं जाते हैं, कभी हमसे नहींं मिलते हैं और ना ही कभी हमारे इलाके का दौरा करते हैं. उनकी वजह से महाराष्ट्र में साढ़ेसाती लगी हुई है. यही वजह है कि हम उनके घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने वाले हैं. हनुमान संकट मोचन हैं और वह सीएम के संकट का निवारण जरूर करेंगे.
हिंदुत्व भूल गई है शिवसेना
राणा ने कहा कि हमने जब कहा तो हमें शिवसेना ने धमकी दी है कि अगर हम मुंबई आ गए तो वापस अपने पैर पर नहीं जाएंगे और देखिए हम मुंबई में भी हैं और ज़िंदा भी हैं, इसके अलावा हम आपके सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर रहे हैं. राणा ने आगे कहा कि हम बचपन से लेकर अबतक हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे को देखकर बड़े हुए हैं, लेकिन जो इस समय की शिवसेना है वो लगता है अपना हिंदुत्व भूल गई है.
वहीं विधायक नवनीत राणा ने कहा की हमें नोटिस दिया गया है कि हम बाहर ना निकलें. लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकता है इसलिए हम हनुमान चालीसा पढ़ने अकेले जाने वाले हैं. हम शांति से जाएंगे ताकि मुंबई वासियों को कोई दिक्कत ना हो. हम पुलिस को सहकार्य करेंगे इसके साथ ही हम ये भी आह्वान करते हैं की जितने भी भक्त हैं जो वहां आना चाहते है वो ना आएं.
कुछ नहींं बिगाड़ सकते हैं शिवसेना के नेता
नवीनत राणा ने आगे कहा कि शिवसेना के लोग मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, उन लोगों ने कहा मुंबई में आए तो वापस आपने पैरों पर नहीं जा पाएंगे, ऐसे लोगों का समर्थन मुख्यमंत्री कर रहे हैं. मुझे लगता है मुख्यमंत्री मेच्योर बातें नहीं करते हैं और शिवसैनिक ही लॉ एंड ऑर्ड़र का पालन नहीं कर रहे हैं. हम दोनो कल जाएंगे और हमें हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए अगर कोई मुर्दाबाद कहे तो हमें वो भी मंजूर है.
नवनीत राणा ने शिवसेना के सांसद संजय राउत को पोपट कहा है. राणा ने कहा की राउत को हम पोपट बोलते हैं जो सुबह सुबह उठाकर पत्रकारों से बात करते हैं. उन्हें कोई मिर्ची दे ताकि वो शांत हो जाए. शिवसेना जिस तरह से हिंदुत्व को भूल गई है मुझे लगता है शिवसेना की स्थिति महाराष्ट्र में वैसी ही होगी जैसी स्थिति गोवा में हुई है.