देश भर में लव जिहाद को लेकर चर्चा कई सालों से होते आ रही है. धर्म परिवर्तन एक बड़ा मुद्दा है जिस पर अब राज्य सरकारें इसके खिलाफ अपने-अपने राज्य में कानून लागू कर रही हैं. बिल में प्रावधानों की बात की जाए तो मध्य प्रदेश से पास हुआ बिल उत्तर प्रदेश के कानून से कई ज्यादा सख्त और कड़ा दिख रहा है.


उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना जहां लव जिहाद के खिलाफ कानून को लागू किया गया. वहीं, अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी लव जिहाद के खिलाफ बिल को मंजूरी दे दी है. जिसमें लव जिहाद मामले में 10 साल की सजा का प्रावधान है.


आइए देखते है उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रावधानों में क्या-क्या है, और उनमें कितना अंतर है


सबसे पहले, मध्य प्रदेश में धमकी देकर, डराकर या मजबूर करके धर्म परिवर्तन मामले में 5 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही इस मामले में 25 हजार रुपये का जुर्माना भी है. वहीं उत्तर प्रदेश में इसके लिए 5 साल की सजा और 15 हजार रुपये का अर्थदंड है.


मध्य प्रदेश में किसी नाबालिक या अनुसुचित जाति के साथ लव जिहाद का मामला आता है तो ऐसे में आरोपी को 10 साल की सजा का प्रावधान है साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड. वहीं, उत्तर प्रदेश में भी इस तरह के मामले में 3 से 10 साल की सजा और 25 हजार रुपये का अर्थदंड़ है.


मध्य प्रदेश में सामूहिक तौर पर विधि विरुद्ध लव जिहाद मामले में 10 साल की जेल समेत 1 लाख रुपये का जुर्माना है. वहीं, उत्तर प्रदेश में इसके लिए 3 से 6 साल की सजा और 50 हजार रुपये का अर्थदंड है.


सरकारें, लव जिहाद मामले में सख्ती दिखा रही हैं. नेताओं, राजनेताओं का कहना है कि जबरन किसी से विवाह कर उसका धर्म परिवर्तन एक अपराध है. और देश में इस तरह के मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिये. कानून लागू कर राज्य सरकारों का इस तरह के मामलों पर रोक लगाने का मक्सत है. वहीं, आपको बता दें, उत्तर प्रदेश में पिछले एक महीने में कई लोग इस मामले के तहर गिरफ्तार हो चुके है. वहीं, कार्रवाई लगातार जारी है.


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