शहरी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली टॉप पर है. इस लिस्ट में दिल्ली के बाद गुजरात का नंबर है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के मामले में मध्यप्रदेश की देश में सबसे अच्छी स्थिति है. यह जानकारी श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में पेश आंकड़ों में सामने आई है.

ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में मध्यप्रदेश में बेरोजगारी दर सबसे कम है.  यहां बेरोजगारी दर कुल श्रम शक्ति की सिर्फ 0.8% है. मध्यप्रदेश के बाद दूसरा नंबर झारखंड का आता है. यहां बेरोजगारी दर 0.9% है. जबकि शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी की बात करें, तो यह सबसे कम दिल्ली में 1.7% है. इसके बाद गुजरात का नंबर आता है. गुजरात के शहरी क्षेत्र में 2.2 प्रतिशत बेरोजगारी है. 

ये आंकड़े वित्तीय वर्ष 2022-23 के हैं. इन्हें श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से इसी महीने राज्यसभा में पेश किया गया था. मंत्रालय ने ये आंकड़े राष्ट्रीय सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन द्वारा कराए गए सर्वे के आधार पर जारी किया है. 

ग्रामीण क्षेत्र में सबसे कम बेरोजगारी वाले 10 राज्य

राज्य बेरोजगारी दर (प्रतिशत में)
MP 0.8
झारखंड 0.9
त्रिपुरा 1.1
मिजोरम 1.2
गुजरात 1.4
छत्तीसगढ़ 1.4
कर्नाटक 1.5
असम 1.5
महाराष्ट्र 2.2
सिक्किम 2.2

शहरी क्षेत्र में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले 10 राज्य

राज्य बेरोजगारी दर (प्रतिशत में)
दिल्ली 1.7
गुजरात 2.2
सिक्किम 2.2
त्रिपुरा 3.0
मिजोरम 3.5
बंगाल 3.8
चंडीगढ़ 4.0
कर्नाटक  4.2
महाराष्ट्र 4.6
मध्यप्रदेश 4.8

यूपी-बिहार टॉप 10 से बाहर

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के मामले में यूपी और बिहार जैसे राज्य टॉप 10 की लिस्ट से बाहर हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के मामले में एमपी, झारखंड के बाद त्रिपुरा, मिजोरम, गुजरात, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक का नंबर आता है. वहीं, शहरी क्षेत्रों में रोजगार की बात करें तो दिल्ली, गुजरात के बाद सिक्किम टॉप 3 में है. इसके बाद त्रिपुरा, मिजोरम, बंगाल, चंडीगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश का नंबर आता है. 

कामगार जनसंख्या अनुपात दर यानी कुल जनसंख्या में काम करने वालों का प्रतिशत देखें तो हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ टॉप पर है. यह 70%  से अधिक है. मध्यप्रदेश में कुल आबादी में 63% लोग कामकाजी हैं. जबकि बिहार की स्थिति खराब है, यहां 47% आबादी कामकाजी है.