पिछले महीनों में जेडीयू ने पेगासस जासूसी, जनसंख्या नियंत्रण क़ानून और जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों पर अपनी सहयोगी बीजेपी से अलग रूख़ अपनाया है. एनडीए में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने एलपीजी घरेलू सिलिंडर के दाम में की गई बढ़ोत्तरी को वापस लिए जाने की मांग की है.


पार्टी के प्रधान महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि कोरोना काल में आम लोगों की कमर तोड़ दी है. त्यागी के मुताबिक़ ऐसे में एलपीजी के दाम में लगातार हो रही वृद्धि से लोगों के किचन का बजट बिगड़ रहा है. के सी त्यागी ने मोदी सरकार को चेताते हुए यहां तक कहा कि कुछ ही महीनों में उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में क़ीमत में बढ़ोत्तरी को विरोधी पार्टियां चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं.


एलपीजी के दाम को लेकर सरकार पर हमला बोला है


त्यागी के मुताबिक़ एलपीजी के दाम बढ़ने का सबसे ज़्यादा असर महिलाओं पर ही पड़ता है और ऐसे में महिलाओं का एक बड़ा वर्ग नाराज़ भी हो सकता है. त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही इस नीति के ख़िलाफ़ है कि पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी के दाम तय करने का अधिकार पेट्रोलियम कम्पनियों को दिया जाए. जेडीयू ने क़ीमत में बढ़ोत्तरी की मांग कर सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है. पार्टी ने मोदी सरकार से ये मांग तब की है जब आज ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी के दाम को लेकर सरकार पर हमला बोला है.


कल ही वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की विकास दर में 20.1 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज़ की गई थी. राहुल गांधी ने तंज के स्वर में मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जीडीपी बढ़ने का मतलब गैस, पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़ना है.


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