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क्या वाकई बहनों के लिए रक्षाबंधन का 'गिफ्ट' साबित होगा 200 रुपये सस्ता हुआ गैस सिलेंडर?

स्मृति ईरानी ने रक्षाबंधन से पहले एलपीजी गैस की कीमत को कम करने का फैसले पर कहा, "मैं रक्षाबंधन की पूर्व संध्या से पहले हमारी बहनों को पीएम मोदी द्वारा दिए गए अनोखे तोहफे के लिए आभार व्यक्त करती हूं."

भारत में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव से मोदी सरकार को टक्कर देने के लिए 28 विपक्षी पार्टियां एक साथ मैदान में उतरने के लिए तैयार है. इस बीच एनडीए ने भी एक बार फिर जनता के बीच अपनी जगह बनाने के लिए स्कीमों और वादों की झड़ी लगानी शुरू कर दी है. 

इसी क्रम में केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही घरेलू रसोई गैस सिलेंडर (LPG Price) पर 200 रुपये की सब्सिडी की घोषणा की है. ये सब्सिडी उज्ज्वला योजना के तहत आने वाले लाभार्थियों को भी मिलेगी. 

केंद्र के इस फैसले को जहां बीजेपी के नेता रक्षाबंधन पर बहनों को तोहफा बता रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार ने विपक्षी गठबंधन दलों के डर के चलते ऐसा किया है. इन दावों और आरोपों के बीच सवाल उठता है कि क्या वाकई केंद्र सरकार के इस फैसले से लोगों को राहत मिलेगी? 

दरअसल द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, जिसका लक्ष्य ग्रामीण और वंचित परिवारों को एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराना है. उसके तहत हर चार लाभार्थियों में से एक ने वित्तीय वर्ष 2022 से 2023 के दौरान कोई सिलेंडर नहीं लिया या फिर एक बार ही दोबारा सिलेंडर भरवाया है. 

इसी रिपोर्ट के अनुसार पिछले 4-5 सालों में एलपीजी सिलेंडर के दाम में इतनी बढ़ोतरी हुई है कि इसे खरीदना उन परिवारों के लिए भी मुश्किल हो गया है जो सब्सिडी लेते हैं. असल में देश में साल 2018 के बाद से ही सिलडर के दामों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. जिसके कारण उज्जवला योजना के लाभार्थियों तो 200 सब्सिडी दिए जाने के बाद भी वह इतने सक्षम नहीं हो पा रहे हैं कि सिलेंडर खरीद सकें.

कितने परिवारों ने नहीं भरवाया सिलेंडर

द हिंदू के एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में उज्जवला योजना के 9 लाभार्थियों में से सिर्फ एक या फिर एक करोड़ 18 लाख से ज्यादा परिवारों ने पिछले साल कोई रिफिल सिलेंडर नहीं खरीदा है. 

कितने परिवारों ने सिर्फ एक बार भरवाया सिलेंडर 

इसके अलावा तीन मुख्य गैस एजेंसियां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के डाटा के अनुसार 1 करोड़ 51 लाख लाभार्थियों ने पिछले साल सिर्फ एक बार ही सिलेंडर को भरवाया है यानी रिफिल करवाया है. 

द हिंदू ने अलग अलग रिपोर्टों का हवाला देते हुए बताया कि गैस कंपनियों ने मार्च 2023 तक 9 करोड़ 58 लाख उज्ज्वला योजना परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए हैं. वहीं इन तीनों कंपनियों ने 6 हजार 664 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. 

क्या वाकई गिफ्ट साबित होगा सस्ता हुआ गैस सिलेंडर?

भारत में जनवरी 2018 से लेकर मार्च 2023 के बीच में सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 82 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. साल 2018 के जनवरी महीने में एक परिवार 495 रुपये ने सब्सिडी वाला सिलेंडर खरीदता था. लेकिन उसी सिलेंडर की कीमत मार्च 2023 तक 903 रुपये हो गई थी. इस हफ्ते पीएम के सब्सिडी की घोषणा के बाद भी लाभार्थियों के सिलेंडर खरीदने के लिए कम से कम 700 रुपये देने ही होंगे.

वहीं गैर लाभार्थी परिवारों की बात करें तो साल 2023 के मार्च महीने तब देश में एलपीजी की कीमत 1100 से 1200 रुपये हो गइ थी. क्योंकि ये सब्सिडी सभी उपभोक्ताओं के लिए  लागू है इसलिए गैर लाभार्थी परिवारों के लिए एलपीजी की कीमत अब 903 रुपये हो गई है. जिसका मतलब है कि सब्सिडी के बावजूद भी एलपीजी की कीमत में साल 2018 से लगभग 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 

इस फैसले पर विपक्ष ने क्या कहा 

ममता बनर्जी: गैस के दाम 200 रुपये कम होने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ''पिछले दो महीने में 'इंडिया' गठबंधन की सिर्फ दो बैठक हुई हैं और आज हम देख रहे हैं कि एलपीजी गैस के दाम 200 रुपये कम कर दिए गए. ये है INDIA का दम!''
 
मल्लिकार्जुन खरगे: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा,"जब वोट लगे घटने, तो चुनावी तोहफे लगे बंटने ! जनता की गाढ़ी कमाई लूटने वाली, निर्दयी मोदी सरकार, अब माताओं-बहनों से दिखावटी सद्भावना जता रही है."

उन्होंने कहा, " साढ़े 9 सालों तक 400 रुपये का एलपीजी सिलेंडर, 1100 रुपये में बेचकर, आम आदमी की जिंदगी तबाह करते रहे, तब कोई स्नेह भेंट की याद क्यों नहीं आई ? BJP सरकार ये जान ले कि 140 करोड़ भारतीयों को साढ़े 9 साल तड़पाने के बाद चुनावी लॉलीपॉप थमाने से काम नहीं चलेगा. आपके एक दशक के पाप नहीं धुलेंगे."

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी की लागू कमरतोड़ महंगाई का मुकाबला करने के लिए, कांग्रेस पार्टी कई राज्यों में गरीबों के लिए केवल 500 रुपये का सिलेंडर करने वाली है. कई राज्य, जैसे राजस्थान, इसे लागू भी कर चुके हैं. मोदी सरकार ये जान ले कि 2024 में देश की परेशान जनता के ग़ुस्से को 200 रुपये की सब्सिडी से कम नहीं किया जा सकता. इंडिया से डर अच्छा है, मोदी जी ! जनता ने मन बना लिया है. महंगाई को मात देने के लिए BJP को एग्जिट डोर दिखाना ही एकमात्र विकल्प है.

स्मृति ईरानी ने इस फैसले को बताया रक्षा बंधन का तोहफा 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रक्षाबंधन से पहले एलपीजी गैस की कीमत को कम करने का फैसला लेने के लिए करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा, "मैं रक्षाबंधन की पूर्व संध्या से पहले हमारी बहनों को पीएम मोदी द्वारा दिए गए अनोखे तोहफे के लिए आभार व्यक्त करती हूं."

वहीं, एलपीजी सिलेंडर सस्ता होने पर विपक्ष द्वारा की जा रही टिप्पणी को लेकर उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "विपक्ष की टिप्पणियों पर मैं कहना चाहती हूं कि अगर विपक्ष अपनी बैठक करता रहेगा तो यह देश के लिए फायदेमंद होगा." इससे पहले मंगलवार (29 अगस्त) को हुई कैबिनेट की बैठक में गैस सिलेंडर के दाम करने का फैसला लिया गया. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सभी उपभोक्ताओं के लिए गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपये कम किए जाएंगे.

मेरी बहन खुश रहें- पीएम मोदी 

एलपीजी के दामों में 200 रुपये की सब्सिडी पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स (ट्विटर) पर लिखा, ''रक्षाबंधन का त्यौहार अपने परिवार में खुशियां बढ़ाने का दिन होता है. गैस की कीमतों में कटौती होने से मेरे परिवार की बहनों की सहूलियत बढ़ेगी और उनका जीवन और आसान होगा. मेरी हर बहन खुश रहे, स्वस्थ रहे, सुखी रहे, ईश्वर से यही कामना है.'' 

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