(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Religious Conversion: सवालों के घेरे में आईं ये 2 NGO, लगे धर्मांतरण और FCRA के उल्लंघन के आरोप, जानें पूरा मामला
MHA: दिल्ली और आंध्र प्रदेश की दो NGO पर SC/ST समुदाय के लोगों को भारत में एकमात्र गरीब बताकर तमाम कल्याणकारी गतिविधियों के नाम पर एफसीआरए चैनल के जरिये विदेशों से फंड जुटाने के आरोप लगे हैं.
Religious Conversions: हैदराबाद के एक गैर सरकारी संगठन ने गृह मंत्रालय (MHA) को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली स्थित कैरिटास इंडिया और अनंतपुर, आंध्र प्रदेश की ग्रामीण विकास ट्रस्ट के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रद्द किया जाए. इस एनजीओ ने दोनों संगठनों पर कथित तौर पर धर्मांतरण मामलों में संलिप्त होने के गंभीर आरोप लगाए हैं. शिकायतकर्ता संस्था लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम (LRPF) को वैचारिक रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीब माना जाता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 में स्थापित फोरम बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. संस्था का दावा है कि उसकी शिकायतों पर हार्वेस्ट इंडिया, वर्ल्ड विजन इंडिया और तमिलनाडु स्थित जीसस रिडीम्स मिनिस्ट्रीज जैसे कई एनजीओ के लाइसेंस रद्द या फिर सस्पेंड किए गए हैं.
एफसीआरए चैनल के जरिये जुटाया जा विदेशी फंड
एलआरपीएफ ने 21 मार्च को गृह मंत्रालय को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया कि कैरिटास इंडिया संस्था समाज को अलग-अलग ग्रुप में बांटने का काम कर रही है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को भारत में एकमात्र गरीब बताकर विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों के नाम पर एफसीआरए चैनल के जरिये विदेशों से धन जुटाया जा रहा है. यह एनजीओ अपने तमाम कार्यक्रमों के जरिये समाज के चयनित वर्ग के लोगों को आर्थिक सहायता देकर सामाजिक वैमनस्यता को बढ़ावा दे रही है. वहीं, धन का लालच देकर लोगों को उनके पैतृक निवास को छोड़कर और कथित तौर पर ईसाई धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसकी वजह से ट्राइबल ग्रुप्स और समुदायों के बीच सामाजिक तनाव पैदा हो रहा है.
यूपी-बिहार में एससी/एसटी समुदाय से ज्यादा गरीब
एनजीओ ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि कैरिटास इंडिया झारखंड और छत्तीसगढ़ पर ध्यान क्यों केंद्रित कर रहा है, जबकि यूपी और बिहार में एससी/एसटी समुदायों से अधिक गरीब हैं. फोरम ने इस संस्था के प्रतिनिधियों की बार-बार विदेश यात्राओं पर भी सवाल खड़े किए हैं.
आरएसएस से करीबी रिश्तों से फोरम का इनकार
एलआरपीएफ के कार्यकारी अध्यक्ष ए एस संतोष का कहना है कि उनका एनजीओ एससी और एसटी समुदायों के साथ काम करता है ताकि उनको उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सके. इससे धर्म परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकेगी. संतोष ने आरएसएस से जुड़े होने से इनकार करते हुए बताया कि संस्था के पास एक अपनी रिसर्च टीम है जोकि विदेश से फंड लेने वाले संगठनों के फंड का विश्लेषण करती है और उसकी रिपोर्ट तैयार करती है. इसके बाद ही गृह मंत्रालय और अन्य संबंधित सरकारी विभागों को यह रिपोर्ट कार्रवाई करने के लिए भेजी जाती है.
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