मुंबई: मालेगांव विस्फोट मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने कहा कि वह जल्द से जल्द सेना में फिर से शामिल होना चाहते हैं. पुरोहित ने सेशन कोर्ट कहा ‘‘ मैं अपनी वर्दी पहनना चाहता हूं. यह मेरी त्वचा की ऊपरी परत है. देश के सर्वश्रेष्ठ संगठन भारतीय सेना की सेवा में फिर से जुड़ने पर मैं बहुत खुश हूं.’’


मेरे दो परिवार हैं- सेना और मेरा परिवार: पुरोहित


पुरोहित की जमानत की औपचारिकताएं अभी पूरी होना बाकी हैं. आरोप तय करने को लेकर एक सुनवाई के लिए उन्हें कोर्ट लाया गया. उन्होंने कहा ‘‘मेरे दो परिवार हैं- सेना और मेरा परिवार. जिसमें मेरी पत्नी, मेरे दो बेटे, बहन और मां हैं. मैं उनसे मिलने के लिए बेताब हूं.’’ पुरोहित ने कहा सेना ने ‘‘मेरी इज्जत कम नहीं होने दी’’. उन्होंने कहा ‘‘ सेना की यह परंपरा और प्रकृति रही है कि वह अपने लोगों की इज्जत कम नहीं होने देती. मैंने यह एक बार भी महसूस नहीं किया कि मैं सेना से बाहर हो जाऊंगा.’’ उन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई में मदद के लिए अपनी पत्नी की प्रशंसा की.


अपनी तकदीर के अलावा किसी को दोष नहीं दे सकता: पुरोहित


जब उनसे पूछा गया कि क्या वह ‘‘ आरडीएक्स लगाए जाने का आरोप उन पर लगाने के लिए महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे, पुरोहित ने कहा वह एक संस्थान का हिस्सा है और यदि ये दावे सच्चे होंगे तो उनके सिनियर मामले से निपटेंगे.’’ जब उनसे पूछा गया कि वह अपनी परेशानी के लिए किसे दोषी ठहराएंगे तो अधिकारी ने कहा अपनी तकदीर के अलावा वह किसी को दोष नहीं दे सकते.


मालेगांव धमाके में छह लोगों की हुई थी मौत


गौरतलब है साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में अपनी कथित भूमिका के लिए पिछले लगभग नौ साल से जेल में बंद पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जमानत दे दी थी. 29 सितम्बर 2008 को मालेगांव में हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी.


क्या है पूरा मामला

29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी. शुरू में महाराष्ट्र एटीएस ने मामले की जांच की. एटीएस ने अभिनव भारत नाम के संगठन पर घटना का आरोप लगाया. साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित समेत कई लोगों को एटीएस ने आरोपी बनाया था. साल 2011 में NIA को जांच सौंप दी गई.