(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pulwama Attack 2019: 'जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ ऑपरेशन के बाद मौत से डर रहे थे उसके आतंकी', सेना के इस पूर्व अधिकारी ने किया बड़ा खुलासा
Jaish-e-Mohammed के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के बाद उसके आतंकवादी मरने से इतने डरे हुए थे कि कोई भी नेतृत्व की भूमिका नहीं लेना चाहता था. इसका खुलासा लेफ्टिनेंट जनरल (रि) केजेएस ढिल्लन ने किया है.
Lt Gen KJS Dhillon (Retd) on Pulwama Attack: 2019 में जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (Pakistan) पर जबावी कार्रवाई करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) को अंजाम दिया था. बालाकोट (Balakot) में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर किए इस हमले में कई आतंकी ढेर हुए थे. जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के बाद उसके आतंकवादी मरने से इतने डरे हुए थे कि कोई भी नेतृत्व की भूमिका नहीं लेना चाहता था. इसका खुलासा पुलवामा हमले के समय श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में 15 कोर की कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (रि) केजेएस ढिल्लन (Lt Gen KJS Dhillon) (Retd) ने किया है.
लेफ्टिनेंट जनरल (रि) केजेएस ढिल्लन ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के बाद उसके आतंकवादी मरने से इतने डरे हुए थे कि कोई भी नेतृत्व की भूमिका नहीं लेना चाहता था. हमने इंटरसेप्ट किया कि पाकिस्तान से कॉल करने पर आतंकवादियों को नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए कहा जाएगा, लेकिन वे मना कर देंगे. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने 100 घंटे के अंदर पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नेतृत्व वाले पुलवामा हमले के पीछे के मॉड्यूल को खत्म कर दिया था.
The security forces eliminated the module behind the Pulwama attack led by a Pakistani national Kamran within 100 hours of the attack: Lt Gen KJS Dhillon (Retd) who commanded 15 Corps in Srinagar, J&K when the 2019 Pulwama attack took place pic.twitter.com/vk5Xj7XWrS
— ANI (@ANI) February 14, 2022
14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में सीएआरपीएफ के काफिले पर किए गए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. ये आत्मघाती हमला था और हमलावर की पहचान आदिल अहमद डार के रूप में हुई थी. ले.ज (रि) केजेएस ढिल्लन ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन एक साथ काम करते हैं, इसलिए कोई भी पाकिस्तानी सेना की सक्रिय भागीदारी और मार्गदर्शन के बिना नियंत्रण रेखा पार कर सकता है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन एक साथ काम करते हैं. पाक सेना की सक्रिय भागीदारी और मार्गदर्शन के बिना कोई भी एलओसी पार नहीं कर सकता है. हमने गुलमर्ग सेक्टर में एलओसी पर पाक नागरिकों को पकड़ा.
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