Lt Gen KJS Dhillon (Retd) on Pulwama Attack: 2019 में जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (Pakistan) पर जबावी कार्रवाई करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) को अंजाम दिया था. बालाकोट (Balakot) में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर किए इस हमले में कई आतंकी ढेर हुए थे. जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के बाद उसके आतंकवादी मरने से इतने डरे हुए थे कि कोई भी नेतृत्व की भूमिका नहीं लेना चाहता था. इसका खुलासा पुलवामा हमले के समय श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में 15 कोर की कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (रि) केजेएस ढिल्लन (Lt Gen KJS Dhillon) (Retd) ने किया है.
लेफ्टिनेंट जनरल (रि) केजेएस ढिल्लन ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के बाद उसके आतंकवादी मरने से इतने डरे हुए थे कि कोई भी नेतृत्व की भूमिका नहीं लेना चाहता था. हमने इंटरसेप्ट किया कि पाकिस्तान से कॉल करने पर आतंकवादियों को नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए कहा जाएगा, लेकिन वे मना कर देंगे. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने 100 घंटे के अंदर पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नेतृत्व वाले पुलवामा हमले के पीछे के मॉड्यूल को खत्म कर दिया था.
14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में सीएआरपीएफ के काफिले पर किए गए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. ये आत्मघाती हमला था और हमलावर की पहचान आदिल अहमद डार के रूप में हुई थी. ले.ज (रि) केजेएस ढिल्लन ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन एक साथ काम करते हैं, इसलिए कोई भी पाकिस्तानी सेना की सक्रिय भागीदारी और मार्गदर्शन के बिना नियंत्रण रेखा पार कर सकता है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन एक साथ काम करते हैं. पाक सेना की सक्रिय भागीदारी और मार्गदर्शन के बिना कोई भी एलओसी पार नहीं कर सकता है. हमने गुलमर्ग सेक्टर में एलओसी पर पाक नागरिकों को पकड़ा.
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