लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे भारत के अगले थलसेनाध्यक्ष होंगे. फिलहाल ले. जनरल मनोज पांडे वाइस चीफ ऑफ आर्मी हैं. जनरल एमएम नरवणे इस महीने के अंत में रिटायर हो रहे हैं. ले. जनरल मनोज पांडे पहले इंजीनियर होंगे, जो भारतीय सेना की कमान संभालेंगे.
ले. जनरल मनोज पांडे इससे पहले ईस्टर्न कमांड के कमांडिंग ऑफिसर रह चुके हैं और अंडमान एंड निकोबार कमांड के कमांडर इन चीफ का पद भी संभाल चुके हैं. ले. जनरल मनोज पांडे परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल हासिल कर चुके हैं.
ले. जनरल मनोज पांडे का जन्म डॉ सीजी पांडे और ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर और होस्ट रह चुकीं प्रेमा के यहां हुआ था. उनका परिवार नागपुर से है. स्कूलिंग के बाद ले. जनरल मनोज पांडे ने नेशनल डिफेंस अकेडमी जॉइन की. एनडीए के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री अकेडमी जॉइन की और बतौर अफसर कमीशन लिया. उन्होंने 3 मई 1987 को सरकारी डेंटल कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना सल्पेकर से शादी की है.
ले. जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में बॉम्बे सैपर्स में कमीशन मिला, जो कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स की एक रेजिमेंट है. वह ब्रिटेन के कैमबर्ले के स्टाफ कॉलेज का भी हिस्सा रहे हैं. कोर्स पूरा होने के बाद वह भारत लौट आए और पूर्वोत्तर भारत की माउंटेन ब्रिगेड के ब्रिगेड मेजर नियुक्त किए गए. लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पहुंचने के बाद उन्होंने इथियोपिया और इरिट्रिया में यूनाइटेड नेशन्स मिशन में बतौर चीफ इंजीनियर काम किया .
ले. जनरल मनोज पांडे जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर 117 इंजीनियर रेजिमेंट की अगुआई भी कर चुके हैं. ऑपरेशन पराक्रम के दौरान पर रेजिमेंट कमांडर थे. इसके बाद उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू में दाखिला लिया और हायर कमांड कोर्स पूरा किया. इसके बाद, उन्हें हेडक्वॉर्टर 8 माउंटेन डिवीजन में कर्नल क्यू नियुक्त किया गया.
मेजर जनरल के पद पर पदोन्नति के बाद, पांडे ने 8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभाली, जो पश्चिमी लद्दाख में ऊंचाई वाले अभियानों में शामिल था. इसके बाद उन्होंने सेना मुख्यालय में सैन्य अभियान निदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के रूप में काम किया. लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत होकर, उन्होंने दक्षिणी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ की जिम्मेदारी संभाली.
ये भी पढ़ें
Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी में फिर पथराव, मौके पर RAF तैनात, पुलिस ने कहा- ये मामूली घटना
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र में धार्मिक जगहों पर इजाजत के बाद ही लगाया जा सकेगा लाउडस्पीकर, विवादों के बीच उद्धव सरकार का बड़ा फैसला