नई दिल्ली: योगी आदित्यानाथ सरकार की टेढ़ी नजर अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर पड़ गयी है. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ अवनीश अवस्थी ने आज से जांच शुरू की और एक्सप्रेस वे पर जाकर रोड से सैंपल इकट्ठा किए.


अवस्थी ने लखनऊ से लेकर इटावा तक के रास्ते में अलग अलग कुल पांच जगहों से सैंपल इकट्ठा किए. आपको बात दें अखिलेश यादव अपनी हर चुनावी सभा और इंटरव्यू में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे का गुणगान करते नहीं थकते थे.


लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे ड्रीम प्रोजेक्ट की जांच दो तरीके से हो रही है. पहला जो एक्सप्रेस वे बना है उसमें निर्माण में क्वालिटी और दूसरा किसनों को मुआवजा मिला था उसकी भी जांच की जाएगी. आरोप के मुताबिक कुछ किसानों की खेती वाली जमीन को रिहायशी जमीन दिखाकर उन्हें ज्यादा मुआवजा दिया गया.



फिलहाल इस जांच की रिपोर्ट कब तक आएगी इसे लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है. इस बीच गोमती रिवर फ्रंट के न्यायिक जांच की रिपोर्ट आज आ गयी है.


ऐसी खूबियां जो इसे अलग बनाती है!


आपको बता दें कि 302 किलोमीटर लंबा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे 6 लेन वाला है. इस एक्सप्रेसवे को बनाने में तेरह हजार दो सौ करोड़ रुपये की लागत आई है. इसके जरिए आप दिल्ली से लखनऊ अब सिर्फ छह घंटे में पहुंच जाएंगे. उद्घाटन से पहले फाइटर प्लेन उड़ाकर एक्सप्रेस-वे की मजबूती का टेस्ट भी हुआ था. जिसके लिए एक्स्प्रेस-वे से एयरफोर्स के सुखोई और मिराज लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी थी.