लखनऊः नागरिकता क़ानून को लेकर अमित शाह और अखिलेश यादव में ठन गई है. ये लड़ाई ज़ुबानी है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह लखनऊ में थे. मंच से वे उन्होंने अखिलेश यादव को खूब बुरा भला कहा. जेल भेजने तक की धमकी दे डाली. अमित शाह ने जो भी कहा अखिलेश यादव का नाम ले लेकर. वे बोले- अखिलेश जी, ध्यान देकर सुन लो. हमें गाली दो या फिर मेरी पार्टी को, तो चलेगा. लेकिन अगर भारत माता को गाली दी तो फिर जेल भेज दूंगा.


जिसके बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर अमित शाह को जवाब दिया. उन्होंने लिखा, ''एक बाबा कम थे जो दूसरे बाबा अपना प्रवचन देने आ गए. इन ढोंगी बाबा ने जिस तरह से जनता के साथ छल किया है. इसकी वजह से CAA पर समर्थन के लिए इनकी झोली में जनता कुछ नहीं डालेगी.''


बिहार में कर चुके हैं रैली


CAA के समर्थन में बीजेपी के बड़े नेता देश भर में सभाएं कर रहे हैं. बिहार के वैशाली के बाद यूपी के लखनऊ में अमित शाह ने रैली की. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मंच पर थे.


समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं. उनकी पार्टी ने तो इस क़ानून के ख़िलाफ़ आंदोलन करने वाले लोगों को पेंशन देने का भी एलान किया है.


दिल्ली के शाहीनबाग की तरह लखनऊ के घंटाघर में भी प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को लग रहा है कि CAA का विरोध कर वे यूपी में अपनी राजनैतिक ज़मीन मज़बूत कर सकते हैं.


कांग्रेस भी खोल चुकी है मोर्चा


कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी लगातार मोर्चा खोले हुए हैं. वे अपने भाई राहुल के साथ मेरठ भी जा रही थीं. नागरिकता क़ानून के विरोध में हुए आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने. लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया.


अमित शाह ने मंच से अखिलेश यादव को नागरिकता क़ानून पढ़ने की सलाह दी. उन्होंने कहा- अखिलेश बाबू, आप दो मिनट भी CAA पर नहीं बोल सकते हैं. अपने पूरे भाषण में शाह ने राहुल गांधी और मायावती को भी कोसा. लेकिन पूरे पांच मिनट वे अखिलेश यादव के बारे में ही बोलते रहे.


अखिलेश का जवाब


अखिलेश ने भी पलट कर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जनता झूठे बाबा से यही कहेगी. बाबा इस बार जाना तो लौट कर कभी न आना.


क़रीब 5 साल पहले लोकसभा चुनाव में भी पीएम नरेन्द्र मोदी और अखिलेश यादव में भी खूब ज़ुबानी जंग हुई थी. वो भी शेर और लकड़बग्घा को लेकर. उन दिनों इटावा के लाइन सफ़ारी के लिए गुजरात से जानवर मंगाए जा रहे थे.


अखिलेश की समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में बुरी तरह पिट गई. अब 2022 में यूपी विधानसभा के चुनाव होने हैं. अखिलेश यादव को लग रहा है कि नागरिकता क़ानून का विरोध कर वे वापसी कर सकते हैं.


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