Savarkar Remarks Row: उत्तर प्रदेश के लखनऊ की एक कोर्ट (Lucknow Court) ने मंगलवार (2 मई) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर मामले में जांच का आदेश दिया है. कोर्ट ने भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान राहुल गांधी की ओर से विनायक दामोदर सावरकर (VD Savarkar) पर की गई उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दर्ज शिकायत की जांच का निर्देश जारी किया है.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत अधिवक्ता नृपेंद्र पांडे की ओर से दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया. कोर्ट ने हजरतगंज पुलिस स्टेशन को एक इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी की ओर से मामले की जांच करने का निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई 2 जून को होगी.
याचिका में क्या कहा गया?
पांडेय ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने 17 नवंबर को समाज में नफरत फैलाने की मंशा से विनायक दामोदर सावरकर को अंग्रेजों का नौकर बुलाया और कहा कि उन्होंने अंग्रेजों से पेंशन ली थी. याचिका में कहा गया कि वीर सावरकर एक निर्भीक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए अमानवीय अत्याचारों को सहा.
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि राहुल गांधी ने वीर सावरकर प्रति हीन भावना फैलाने के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें अपमानित किया और घृणास्पद बयान दिए. वीर सावरकर को महात्मा गांधी ने देशभक्त बताया है, लेकिन राहुल गांधी अपने बयानों से उनके खिलाफ अनावश्यक प्रचार करके सामाजिक वैमनस्य और द्वेष पैदा कर रहे हैं. जिस कारण उन्हें (शिकायतकर्ता) मानसिक पीड़ा हुई है.
राहुल गांधी ने कही थी ये बात
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बीते नवंबर के महीने में महाराष्ट्र में वीर सावरकर को लेकर बयान दिया था. उन्होंने दावा किया था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी. उन्होंने अंग्रेजों को खत लिखकर कहा था कि मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं. उन्होंने डर की वजह से माफीनामे पर हस्ताक्षर किए थे. ऐसा करके उन्होंने महात्मा गांधी और अन्य नेताओं को धोखा दिया था.
ये भी पढ़ें-
Exclusive: कांग्रेस के घोषणापत्र पर अमित शाह का वार, abp न्यूज़ से बोले- 'अब इनको बजरंगबली...'