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लखनऊ एनकाउंटर : पूर्व डीजीपी ने बताया गम्भीर दस्तक, कहा- जबरदस्त योजना की जरूरत
लखनऊ : मध्य प्रदेश में ट्रेन बम धमाका और फिर यूपी की राजधानी लखनऊ में आईएस आतंकी का एनकाउंटर होना. जानकार इसे एक खतरनाक संकेत की तरह ले रहे हैं और साथ ही पुलिस को बहुत गंभीर रहने की हिदायत भी दे रहे हैं. इसी सिलसिले में एबीपी न्यूज ने उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) डा. विक्रम सिंह से बातचीत की.
सवाल.1 : पहली बार इंडिया में IS का आतंकी मारा गया. कहीं ना कहीं इससे साफ होता है कि IS ने भारत में बड़े पैमाने पर दस्तक दे दी है ?
जवाब : इसमें किसी प्रकार के शक की सम्भावना ही नहीं है. ये दस्तक ही नहीं बहुत ही गम्भीर दस्तक है और इसके बारे में जबरदस्त योजना की जरूरत है.
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सवाल.2 : क्या आप मानते है कि सुरक्षा एजेंसियो से चूक हुई है ?
जवाब : मैं इसको चूक नहीं मानता. इस मुठभेड़ को मैं अपनी बहुत बड़ी सफलता मानता हूं. पर इनके आतंकी का यहाँ आना, इनके हथियार, विस्फोटक सामान आदि का आना इसको मैं चूक मानता हूं. इनका भोपाल तक पहुँच जाना भोपाल में विस्फोट करना ये एक बड़ी चूक है.
सवाल.3 : IS की कमर तोड़ने के किये क्या कदम उठाने चाहिए?
जवाब : इन लोगों की इन्टरनेट पर जो भी सामग्री है उससे खत्म कर देना चाहिए. गुमराह हुए बच्चों को रास्ते पर लाने के लिए कदम उठाने चाहिए. बच्चों को जागरूक करना जरुरी है.
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सवाल.4 : IS से हमको कितना खतरा है ?
जवाब : इससे ज्यादा भयानक खतरा हो ही नहीं सकता है. isis से पहले हम ने सिमी, इंडियन मुजाहिदीन की गतिविधियां देखी थी. IS इन संगठनों से ज्यादा खतरनाक है. क्योंकि इसका संपर्क अलकायदा, लश्कर और तालिबान से है. ये खतरे का एक भयानक रूप है. इनके पास आधुनिक हथियार, पैसा और विचार शक्ति की कमी नहीं है. इनका इलाज करना बेहद जरुरी है नहीं तो ये एक खतरे की बात है.
सवाल.5 : इस तरह की आतंकी गतिविधियों के लिए हम कितने तैयार है?
जवाब : हमारी तैयारी को युद्ध स्तर पर जाना है अभी हमारी तैयारी सामान्य स्तर पर है. हमारी सुरक्षा एजेंसियों को हर तरह से इन आतंकवादियों से एक जनरेशन आगे रहना होगा. ये कोई सामान्य अपराध नहीं है ये एक मनोवैज्ञानिक अपराध है. इसके लिए आप को मनोवैज्ञानिक तरीके का ही इस्तेमाल करना होगा और उसकी तैयारी करनी होगी. इन तरह के संगठनों के एक-दो मॉड्यूल को खत्म करना समस्या का समाधान नहीं है. आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय समस्या है जिसका समाधान अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर करना जरुरी है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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