लखनऊ: न केवल लखनऊ बल्कि देश-दुनिया में अपने बेहतरीन जायके के लिए पहचाने जाने वाले टुंडे के कबाब पर कोरोना का असर साफ दिख रहा है. अब टुंडे कबाब खाते वक्त आपको फिलहाल वो स्वाद नहीं मिलेगा. दरअसल मांस की बिक्री पर प्रतिबंध के चलते यहां का सबसे मशहूर ब्लैक बफैलो कबाब बंद कर दिया गया है. ऐसे में ग्राहक मजबूरी में चिकन या मटन के कबाब ले रहे हैं.


115 साल पुरानी ये दुकान मुगलई स्वाद का खाना परोसने के लिए जानी जाती है. इतने वक्त में यह पहला मौका है, जब टुंडे कबाबी की सिग्नेचर डिश में बदलाव किया गया हो. कोरोना संक्रमण काल में 90 दिनों के अभूतपूर्व बंद के बाद लखनऊ के प्रतिष्ठित कबाब बनाने वाले नवाबी युग के भोजनालय में बहुत कुछ बदल गया है. सबसे महत्वपूर्ण 115 साल पुरानी लोगों की पंसद मुंह में पिघले जाने वाले कबाब, अब पहले जैसे नहीं रह गए हैं.


टुंडे कबाबी के मालिक मोहम्मद उस्मान ने सिग्नेचर डिश को चिकन कबाब में बदलाव को मजबूरी बताया है. लॉकडाउन के बाद से शहर में वो मांस बिकना बंद हो गया है, जिससे गलावत कबाब बनाए जाते थे. हालांकि, चिकन के साथ-साथ मटन कबाब भी परोसे जा रहे हैं. मुहम्मद उस्मान ने बताया कि लॉकडाउन के बाद एक बार फिर कबाब मिलने से लोगों में खुशी है. लंबे समय से लोग इसका इंतजार कर रहे थे. हालांकि, पहले के मुकाबले भीड़ बहुत कम है और मार्केट में लोग भी कम आ रहे हैं.


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