Chandrashekhar Azad on Lucknow Incident: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बारिश के दौरान युवती से बदसलूकी का मामला सामने आया है. युवती के साथ हुई छेड़खानी को लेकर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद काफी ज्यादा नाराज हैं. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कानून-व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी अपराधी को बचाने के बजाय उसके खिलाफ जाति-धर्म से ऊपर उठकर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सीएम को सलाह भी दी है. 


चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "देश में कानून व्यवस्था पर हम लोग लगातार सवाल खड़े करते रहे हैं. ये हम ही लोगों के सवाल खड़े करने का परिणाम है कि सरकार की नींद खुलती है. मनचलों को छूट मिली हुई है. एंटी-रोमियो स्क्वाड के साथ-साथ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया. उसका सच ये है कि प्रदेश की राजधानी में ही मनचलों को खुली छूट है. जिस तरह से वीडियो में दिखाई दे रहा है कि उस बेटी को अपमानित करने का प्रयास किया गया है. ये अपमान से लखनऊ ही नहीं पूरे प्रदेश में हो रहा है."


कानून-व्यवस्था को लेकर किए गए वादे नहीं हुए पूरे: चंद्रशेखर 


कानून व्यवस्था के मुद्दे पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को घेरते हुए नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "हम तो लगातार मांग कर-कर थक गए हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री सुनना ही नहीं चाहते हैं. मुख्यमंत्री को कानून-व्यवस्था पर ध्यान दें और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगे तो, जो वह कानून-व्यवस्था को लेकर वादे करते हैं. वह शायद जमीन पर दिखाई दे. अभी तक ऐसा नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसे लोगों पर ठोस कार्रवाई की जाए, फिर वो घटना चाहे कहीं भी सामने आए."


ऊपरी स्तर के कर्मचारियों पर हो एक्शन: चंद्रशेखर आजाद


जब चंद्रशेखर को बताया गया कि लखनऊ घटना में कुछ अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है. इस पर उन्होंने कहा, "जनता में आक्रोश हुआ, जिसके बाद सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी है. मैं तो कह रहा हूं कि निचले स्तर के कर्मचारियों के बजाय ऊपरी स्तर पर बैठे अधिकारियों-कर्मचारियों पर एक्शन लिया जाए. जब ऊपरी स्तर पर कार्रवाई होगी तो नीचे के सभी अधिकारी ठीक हो जाएंगे. निचले स्तर का कर्मचारी वही काम करता है, जो उसे ऊपरी स्तर के अधिकारियों से निर्देश मिलता है."


जाति-धर्म से ऊपर उठकर हो कार्रवाई: चंद्रशेखर आजाद


चंद्रशेखर ने कहा, "ये मामला प्रदेश की राजधानी से जुड़ा हुआ है, इसकी वजह से छवि बनेगी कि यूपी की राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. मैं मुख्यमंत्री को कहूंगा कि पहले की सरकारों में इस तरह की घटनाओं में अगर किसी अधिकारी की लापरवाही होती थी तो उसे निलंबित किया जाता है और जेल भेजा जाता था. इस तरह अधिकारी नींद से जागे रहते थे. अब तो मुख्यमंत्री की छत्रछाया में उत्तर प्रदेश में सब चीजें हो रही हैं."


उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री को इस तरह की घटना का कठोर संज्ञान लेना चाहिए और ऑर्डर देना चाहिए कि अगर किसी महिला के साथ कोई घटना होती है तो फिर जाति-धर्म से ऊपर उठकर ठोस कार्रवाई होनी चाहिए. किसी भी अपराधी को बचाना नहीं चाहिए. उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई हो कि उनके हौसले जमींदोज हो जाएं."


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