लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर बीती 19 दिसंबर को लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले 57 लोगों की तस्वीरें, उनके नाम-पते के साथ प्रशासन ने बुधवार को सार्वजनिक कर दी हैं. गुरुवार रात यह होर्डिंग उन इलाकों में लगवाए गए हैं, जहां इन्होंने तोड़फोड़ मचाई थी. लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि अगर तय वक्त पर इन लोगों ने जुर्माना नहीं चुकाया तो कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी.


19 दिसंबर को लखनऊ के चार थाना क्षेत्रों में हुई थी हिंसा


गौरतलब है कि 19 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद लखनऊ के चार थाना क्षेत्रों में हिंसा फैल गई थी. इनमें ठाकुरगंज, हजरतगंज, केसरबाग और हसनगंज का नाम शामिल है. उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग लगा दी थी. हसनगंज थाने की एक चौकी को भी फूंक दिया गया था. राज्य सरकार ने सख्ती दिखाते हुए तोड़फोड़ की भरपाई उपद्रवियों से करवाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद पुलिस ने फोटो-वीडियो के आधार पर 150 से अधिक लोगों को नोटिस भेजे थे.


सभी को नोटिस जारी करते हुए 30 दिन का समय दिया गया


जांच के बाद मिले सबूतों के आधार पर प्रशासन ने 57 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया था. डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि चार थाना क्षेत्रों में एक करोड़ 88 लाख 62 हजार 537 रुपये की रिकवरी के तीन आदेश जारी किए जा चुके हैं. पुलिस द्वारा सबूत उपलब्ध करवाए जाने के बाद बाकियों से भी वसूली की जाएगी. सभी को नोटिस जारी होने की तारीख से 30 दिन का समय दिया गया है. अगर निर्धारित समय तक शुल्क नहीं जमा किया गया तो फिर इनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी. इससे बाकियों को भी सबक मिलेगा कि किसी के बहकावे में न आएं. न किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं, अन्यथा उनका ब्यौरा भी सार्वजनिक किया जाएगा.