अब लखनऊ आईजी करेंगी कानपुर एनकाउंटर की जांच, शहीद देवेंद्र मिश्रा के परिवार ने किया था STF का विरोध
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने कानपुर के तत्कालीन एसएसपी रहे अनंत देव को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन अनंत देव ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी.
लखनऊः कानपुर में 8 पुलिसवालों के हत्यारे विकास दुबे के खिलाफ जांच का जिम्मा अब लखनऊ रेंज की लक्ष्मी सिंह आईजी को सौंप दिया गया है. इससे पहले ये जांच स्पेशल टास्क फोर्स को दी गई थी, लेकिन मुठभेड़ में शहीद हुई सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिवार ने इस पर सवाल उठाया था. परिवार ने मांग की थी कि जब एसटीएफ के डीआईजी अनंत देव खुद इस मामले में संदेह के घेरे में हैं, तो वो खुद इस मामले की जांच कैसे कर सकते हैं.
तत्तकालीन एसएसपी अनंत देव ने नहीं की थी कार्रवाई
दरअसल, सीओ देवेंद्र मिश्रा की कानपुर के तत्कालीन एसएसपी रहे अनंत देव को लिखी चिट्ठी सामने आई थी, जिसमें चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी पर सवाल उठाए गए थे. बाद में खबर आई कि ये महज एक चिट्ठी नहीं है, बल्कि ऐसी आधा दर्जन चिट्ठियां एसटीएफ को सौंपी गई थी.
जिस वक्त ये चिट्ठियां लिखी गई थी उस वक्त अनंत देव कानपुर के एसएसपी थे. कानपुर के एसएसपी होने के बावजूद अनंद देव ने न तो इन चिट्ठियों का किसी तरह का जवाब दिया और न ही इसपर एक्शन लिया गया. फिलहाल अनंत देव एसटीएफ में डीआईजी हैं.
परिवार ने STF पर उठाए थे सवाल
ऐसे में उसी एसटीएफ को जांच सौंपे जाने पर शहीद एसओ के परिवार ने विरोध जताया था. उनके भाई ने कहा, “कोई भी व्यक्ति खुद अपनी जांच नहीं कर सकता. न्याय का सामान्य सा सिद्धांत है कि जिन लोगों पर संदेह होता है उन्हें जांच से दूर रखा जाता है. खुद संदेह के दायरे में आना व्यक्ति क्या जांच करेगा. सही जांच कमेटी का चयन किया जाना चाहिए. वरना ऐसे लोग तो सच पर धूल दाल देंगे.”
फिलहाल गैंगस्टर विकास दुबे घटना के बाद से ही लगातार फरार चल रहा है. इस वारदात के 4 दिन से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. हालांकि चौबेपुर थाने के 3 पुलिसकर्मियों पर संदेह के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है, जबकि इस थाने के प्रभारी विनय तिवारी को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है.
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