नई दिल्ली: लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस के दावों की भी पोल खुल गई है. रिपोर्ट में इस बात का साफ जिक्र है कि विवेक तिवारी को काफी नजदीक से गोली मारी गई. पुलिस के मुताबिक चोट लगने से विवेक की मौत हुई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हो गया है कि पुलिस मामले में लीपापोती की कोशिश कर रही है.


एसआईटी से जांच शुरू की
विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना की ओर से भी एफआईआर दर्ज कर ली गई है और एसआईटी ने भी जांच शुरु कर दी है. एसआईटी चीफ सुजीत पांडे ने खुद घटना स्थल का दौरा किया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस केस में सीबीआई जांच भी करवाई जा सकती है.


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विवेक तिवारी की मौत से पहले का CCTV फुटेज
पुलिसवाले के हाथों जान गंवाने वाले विवेक तिवारी का मौत से पहले का वीडियो सामने आया है. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि विवेक तिवारी की एक्सयूवी गाड़ी रात 1 बजकर 19 मिनट पर लखनऊ में मकदूम चौकी के पास से गुजरी और करीब 11 मिनट बाद ही यानी करीब रात 1.30 पुलिस कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने विवेक को गोली मार दी. जिसके बाद, रात 2 बजे विवेक तिवारी को अस्पताल में भर्ती किया गया और 2 बजकर 25 मिनट पर उनकी मौत हो गई थी.


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अपने ही घर में घिरी योगी सरकार
विवेक तिवारी हत्याकांड में योगी सरकार अपने ही घर में घिरती नजर आ रही है. यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक और हरदोई के विधायक रजनी तिवारी ने सूबे की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए है. ब्रजेश पाठक ने बड़े अधिकारियों पर तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया है और मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंपने की अपील की. वहीं विधायक रजनी तिवारी ने सीएम योगी आदित्यानाथ को चिट्ठी लिखकर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.


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