लखनऊ : पहली बार देश में आतंकी संगठन आईएस ने हमला किया है. सबसे बड़ी चिंता ये है कि भारत में आईएस के स्लीपर सेल भी सक्रिय हैं. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का ने दावा किया है कि घटना में शामिल आतंकी आईएस के हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस के पास पर्य़ाप्त सबूत हैं.


प्रेस नोट में साफ लिखा था आईएस के सेल का नाम खुरासान है


सूत्रों के मुताबिक लखनऊ के एक घर में छुपा रहा सैफुल्लाह आईएस से जुड़ा था. ट्रेन धमाके के बाद उसने दक्षिण भारत में अपने एक सहयोगी से बात की थी. आईबी ने उसकी कॉल को इंटरसेप्ट कर लिया था. इसबीच यूपी पुलिस का प्रेस नोट में साफ लिखा था आईएस के सेल का नाम खुरासान है.


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आखिर क्या है ये खुरासान


ISIS खुरासान के यूपी नेटवर्क का मुखिया सैफुल्लाह नहीं बल्कि एयर फ़ोर्स में काम कर चुका एक शख्स है. जो कानपुर का रहने वाला है. पुलिस अब तक उसे नहीं पकड़ पायी है. इस नेटवर्क के तीन और लोग भी अब तक फरार हैं. यूपी पुलिस के सूत्रों की माने तो पकड़े गए आतंकियों में से तीन का सीरिया जाने का भी प्लान था.


जनवरी 2015 में इस्लामिक स्टेट ने अपनी ख़ुरासान ब्रांच स्थापित करने की घोषणा की थी.दरअसल, आईएस की मैगजीन दाबिक के मुताबिक दुनिया को अलग-अलग नामों से बांटा गया है. खुरासान उस हिस्से का नाम है जिसमें भारत और पाकिस्तान भी शामिल है और इसका हेडक्वार्टर है अफगानिस्तान.


इस घोषणा के कुछ ही हफ्तों बाद इस्लामिक स्टेट ने अफ़ग़ानिस्तान के कम से कम पांच प्रांतों में अपनी मौजूदगी का अहसास कराया था. ये प्रांत हैं- हेलमंद, ज़ाबुल, फ़राह, लोगार और नंगरहार. तब इसके साथ ही पहली बार ऐसा हुआ था जब इस्लामिक स्टेट ने अफ़ग़ान तालिबान को सीधी चुनौती दी. ऐसा करके इस्लामिक स्टेट अफ़ग़ान तालिबान लड़ाकों को खदेड़ना चाहता था और ये भी चाहता था कि तालिबान-अलक़ायदा गठबंधन में शामिल लड़ाके उससे हाथ थाम लें. लेकिन स्थानीय समर्थन और राजनीतिक बल हासिल करने की इस क़वायद में इस्लामिक स्टेट को ज़बर्दस्त संघर्ष करना पड़ा और उसने अफ़ग़ान तालिबान सहित हर किसी को अपना शत्रु बना लिया.


आईएस के एक स्लीपर सेल का भले ही भंडाफोड़ हो गया हो लेकिन ऐसे कई और सेल सक्रिय हो सकते हैं. जांच एजेंसियों के नतीजे का हवाला लें तो तो ये भारत में आईएसआईएस की पहली कार्रवाई की तरह हैं.


आपको बता दें कि आईएसआईएस यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया दुनिया भर के मुस्लिम बहुल इलाकों को अपने कब्जे में लेकर वहां इस्लामी कानून लागू करना चाहता है.


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