नई दिल्ली: देशभर में शिक्षा के अधिकारों की बात तो खूब होती है लेकिन कभी-कभी ऐसे वाकयात सामने आते हैं जिससे व्ययस्था पर सवाल खड़े हो जाते हैं. लुधियाना के एक स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र के साथ भी ऐसा ही हुआ है. इस छात्र के बांह पर सिर्फ इसलिए फीस रिमाइंडर की मुहर लगा दी गई क्योंकि उसके माता-पिता पिछले दो महीने से स्कूल का फीस देने में असफल रहे थे.


जब छात्र को उसकी बांह पर डिफॉल्टर की मुहर लगाकर घर भेज दिया गया तो माता-पिता स्कूल पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जिला शिक्षा विभाग हरकत में आया. जिला प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.


 वहीं स्कूल प्रिंसिपल ने दावा किया कि इस मुद्दे को हल कर दिया गया है. एसडीएन पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल शमा दुग्गल ने कहा, '' समस्या हल हो गई है. हमने माता-पिता से बात की है. एक शिक्षक ने मोहर लगाई थी. शिक्षक ने स्टांप लगाने के लिए नोटबुक मांगी थी लेकिन बच्चे के पास नोटबुक नहीं थी. उसने अपने हाथ की आगे कर दिया और शिक्षक ने उस पर मुहर लगा दी. यह एक गलती थी और ऐसा नहीं होना चाहिए था. ” उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की घटना आगे न हो इसके लिए शिक्षकों के साथ मीटिंग कर उन्हें हिदायत दी जाएगी.


वहीं घटना को देख रहे जिला शिक्षा विभाग समिति के सदस्य जगदेव सिंह ने कहा, "एक छात्र को फीस नहीं देने के कारण मुहर लगा दी गई. हमने माता-पिता और प्रिंसिपल को फोन किया है. स्कूल ने माता-पिता को लिखित माफी दी है. उच्च अधिकारी आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे. ”


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