Rajasthan Lumpy Skin Disease Update: कई राज्यों में त्वचा पर गांठ बनने की बीमारी लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) के कारण मवेशियों की आबादी पर असर पड़ रहा है. इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य राजस्थान (Rajasthan) में दूध का कलेक्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप मिठाइयों (Sweets) की कीमतों में वृद्धि हुई है. राजस्थान की सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था जयपुर डेयरी फेडरेशन (Jaipur Dairy Federation) के मुताबिक दूध संग्रह में 15-18 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि, अब तक दूध की आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आई है.
जयपुर डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष ओम पूनिया ने कहा कि दैनिक दूध संग्रह सामान्य 14 लाख लीटर से घटकर 12 लाख लीटर रह गया है. पुनिया ने कहा कि मवेशियों में लम्पी संक्रमण की शुरुआत से पहले हमें सहकारी में प्रतिदिन 14 लाख लीटर दूध मिलता था, लेकिन अब यह 12 लाख लीटर हो गया है. हालांकि, दूध की आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आई है.
उन्होंने कहा कि हम जानवरों की मौत से चिंतित हैं क्योंकि आधिकारिक तौर पर मवेशियों की मौत के जो आंकड़े दिए जा रहे हैं वो निश्चित रूप से उससे अधिक हैं. उन्होंने आगे कहा कि अगर यह इसी प्रकार से जारी रहा तो यह कोविड-19 या उससे भी अधिक बदतर हालात का सामना करना पड़ सकता है
मिठाइयों के दाम बढ़े
वहीं, जोधपुर में लम्पी वायरस के कारण मिठाइयों के दाम पहले के मुकाबले बढ़ गए हैं. मिठाई विक्रेताओं का कहना है कि सभी मिठाइयां मावा से बनाई जाती हैं. दूध की आपूर्ति गिरने से उनका उत्पादन 80 प्रतिशत तक गिर जाता है. जिसके कारण उन्हें कुछ की कीमतें भी बढ़ानी पड़ी हैं. दुकानदारों के मुताबिक, मिठाइयां विशेष रूप से दूध से ही बनाई जाती है.
सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री से मांगी मदद
बता दें कि राजस्थान में लम्पी स्कीन डिजीज का सबसे अधिक प्रकोप होने के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूदा स्थिति से चिंतित हैं, क्योंकि पशुपालन राजस्थान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इस रेगिस्तानी राज्य में किसानों की आय का प्राथमिक स्रोत दूध है. सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सरकार से लम्पी स्कीन डिजीज को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कहा है क्योंकि यह 13 राज्यों में फैल गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में, गहलोत ने लम्पी का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता पर बल दिया है और यह भी कहा है कि एक बार लम्पी के खिलाफ एक टीका तैयार होने के बाद राजस्थान को प्राथमिकता दी जाए.
राजस्थान 51 हजार मवेशियो की मौत
बता दें कि इस बीमारी का मुकाबला करने के लिए अभी भी कोई टीका नहीं है, बकरी पॉक्स का टीका प्रभावी साबित हुआ है. राजस्थान में 16.22 लाख बकरी पॉक्स के टीके हैं, जिससे अब तक 12.32 लाख मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है. हालांकि, 11 लाख से अधिक जानवर वायरस से प्रभावित हैं और राज्य में 51,000 मवेशियों की मौत हो चुकी है.
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