Lumpy Skin Disease: लंपी स्किन डिजीज से पंजाब में हाहाकार, सरकार ने खरीदे 66000 से ज्यादा टीके
Cattle Disease: इस रोग के संक्रमण के चलते जानवर का वजन घटने लगता है और दूध की मात्रा कम होने के साथ-साथ बुखार और मुंह में घाव हो सकते हैं. कुछ मामलों में इसके कारण रोगग्रस्त पशुओं की मौत भी हो जाती है
Cattle Disease in Punjab: पंजाब सरकार (Punjab Government) ने राज्य में मवेशियों (Cattles) में लंपी त्वचा रोग (Lumpi Skin Disease) के प्रसार की रोकथाम के लिए हैदराबाद (Hyderabad) से बकरी के चेचक के टीके (Vaccine) की 66,000 से अधिक खुराकें खरीदी हैं. पंजाब के पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर (Minister Laljeet Singh Bhuller) ने रविवार को कहा कि यह टीके स्वस्थ पशुओं को निशुल्क लगाए जाएंगे. लंपी त्वचा रोग कैप्रीपोक्स वायरस के कारण होता है, जो गायों और भैंसों को संक्रमित करता है.
इस रोग के संक्रमण के चलते जानवर का वजन घटने लगता है और दूध की मात्रा कम होने के साथ-साथ बुखार और मुंह में घाव हो सकते हैं. कुछ मामलों में इसके कारण रोगग्रस्त पशुओं की मौत भी हो जाती है. पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह इस बीमारी के प्रकोप की चपेट में हैं. शनिवार तक के आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में पिछले एक महीने में लंपी त्वचा रोग के कारण 400 से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है और लगभग 20,000 संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें ज्यादातर गाय हैं.
पंजाब सरकार कर रही है रोकथाम के उपाय
भुल्लर ने रविवार को खेमकरन निर्वाचन क्षेत्र के कुछ डेयरी फार्म का दौरा किया था. करने के बाद कहा कि विशेष रूप से हैदराबाद से मंगवाये गए बकरी के चेचक के टीके राज्य के सभी जिलों में भेजे गए हैं और डॉक्टरों ने इनकी खुराक देना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार इस बीमारी के प्रसार की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है. मंत्री ने कहा कि उनके विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार विभागों के संपर्क में हैं कि टीके की खुराक की कोई कमी नहीं हो.
संक्रामक बीमारी है लंपी, तेजी से फैलती है
सामान्यतः पशुओं (Cattles) में होने वाली लंपी स्किन डिजीज (Lumpi Skin Disease) एक संक्रामक बीमारी (Infactive Disease) है. ये बीमारी बहुत ही तेजी से फैलती है. इसके वाहक मच्छर (Mosquito), मक्खी(Fly) , जूं (louse) इत्यादि हैं. इन परजीवियों (Parasites) के काटने के बाद जब वो दूसरे जानवरों को काटते हैं तो उनके खून से वायरस (Virus) दूसरे जानवरों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. ये बीमारी सीधे संपर्क में आने से भी फैलती है इसके अलाव ये बीमारी दूषित भोजन से भी जानवरों में फैलती है. इस बीमारी से पशुओं में तमाम लक्षण दिखाई देने के साथ ही उनकी मृत्यु होने का भय भी बना रहता है. पंजाब में संक्रमित मवेशियों की सूचना ज्यादातर डेयरी फार्मों से मिली है.
यह भी पढ़ेंः