लंपी का कहर! करीब 1 लाख मवेशियों की मौत, 15 राज्यों के 251 जिलों में फैला वायरस
Lumpy Virus: देश में करीब 20 लाख मवेशी लंपी वायरस से प्रभावित हुए हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, करीब 1 लाख मवेशियों की इस गंभीर बीमारी के कारण मौत हो चुकी है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

Lumpy Virus In India: देश में लंपी वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 23 सितंबर तक लंपी वायरस से कारण पूरे देश में 97,435 मवेशियों की मौत हो चुकी है. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि लंपी वायरस इस समय देश के 15 राज्यों के 251 जिलों में पैर पसार चुका है और 23 सितंबर तक 20 लाख से अधिक जानवर इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं.
12.70 लाख पशु हुए ठीक
आंकड़ों के अनुसार, 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों - गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और बिहार में बीमारी के 43,759 एपिसेंटर थे. इन राज्यों में बीमारी के लिए अतिसंवेदनशील मवेशियों की संख्या 3.60 करोड़ थी. आंकड़ों से पता चलता है कि बीमारी के कारण "प्रभावित" मवेशियों की संख्या 20.56 लाख थी और इनमें से 12.70 लाख पशु "ठीक हो गए" हैं.
राजस्थान में लंपी वायरस का प्रकोप
राजस्थान में लंपी वायरस (Lumpy Virus In Rajasthan) का प्रकोप पूरे देश के मुकाबले सबसे ज्यादा दिखाई दिया. अकेले राजस्थान में 13.99 लाख मवेशी लंपी वायरस से प्रभावित हुए. इसके बाद पंजाब में 1.74 लाख और गुजरात में 1.66 लाख. लंपी वायरस के कारण सबसे ज्यादा मौतें भी राजस्थान में हुईं.
23 सितंबर तक प्रदेश में 64,311 जानवरों की मौत हो चुकी है. इसके बाद पंजाब में इस बीमारी के कारण 17,721 मवेशियों की मौत हुई है. राहत की बात यह है कि 23 सितंबर तक 1.66 करोड़ मवेशियों को लंपी वायरस से बचाव के लिए टीका लगाया जा चुका है.
'हमारे वैज्ञानिकों ने स्वदेशी टीका विकसित किया है'
इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा था कि कई राज्यों में इस बीमारी के कारण पशुधन का नुकसान हुआ है और केंद्र विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसे नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. 12 सितंबर को ग्रेटर नोएडा में आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे वैज्ञानिकों ने लंपी वायरस के लिए एक स्वदेशी टीका विकसित किया है." उन्होंने कहा कि बीमारी को नियंत्रित करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.
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