Lunar Eclipse, Guru Purnima Live Updates: आज है गुरु पूर्णिमा, अपने गुरुओं को इस तरह करें याद; चंद्र ग्रहण समाप्त, अगला 30 नवंबर को
उपछाया चंद्रग्रहण आज सुबह 8 बजकर 38 मिनट से आरंभ हुआ था जो अब 11 बजकर 21 मिनट पर समाप्त हो चुका है. आज का ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण था, जो धनु राशि में लगा था.जहां पहले से ही धनु राशि में गुरु और राहु भी मौजूद थे. चंद्रग्रहण के दौरान गुरु की दृष्टि धनु राशि पर थी. ग्रहों और ग्रहण की स्थिति सभी 12 राशियों को प्रभावित कर रही है. इसलिए धनु सहित मेष, कन्या, सिंह और कुम्भ राशि को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
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Lunar Eclipse 2020: हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण लगने में केवल कुछ घंटे बाक़ी रह गए हैं. यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 8 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा और 11 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा. इस चंद्रग्रहण के परमग्रास का समय 09 बजकर 59 मिनट है. 5 जुलाई को लगने वाले यह चंद्रग्रहण उपछाया प्रकार का चंद्र ग्रहण है. इसमें चांद थोडा सा धूमिल या मलिन दिखाई देगा. यह चंद्रग्रहण भारत में किसी शहर या स्थान पर नहीं दिखाई देगा लेकिन ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका एवं एशिया के कुछ हिस्सों में नजर आएगा.
इस साल 5 जुलाई को आषाढ़ की पूर्णिमा पड़ रही है साथ ही इसी दिन गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा का पर्व भी है. यह ऐसा लगातार तीसरा साल है जब चंद्रग्रहण आषाढ़ की पूर्णिमा अर्थात गुरु पूर्णिमा को लग रहा है. इसके पहले यह चंद्रग्रहण 2018, 2019 में गुरु पूर्णिमा को लगा था.
रहें इन चीजों से सावधान
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 5 जुलाई को लगने वाला उपछाया चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगेगा. उसी समय धनु राशि में गुरु और राहु भी मौजूद रहेंगे. ऐसे में ग्रहण के दौरान गुरु की दृष्टि धनु राशि पर रहने के कारण ग्रहण का प्रभाव धनु राशि के साथ अन्य राशियों पर भी पड़ेगा. ऐसे में लोगों निम्नलिखित चीजों से सावधान रहना होगा.
यद्यपि यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण है. यह भारत में दिखाई भी नहीं देगा. यहां ग्रहण का अशुभ प्रभाव भी नहीं पड़ेगा. फिर भी ज्योतिष शास्त्रियों का मत है कि धनु राशि के लोंगों को यदि जरूरी न हो तो उन्हें घर के बाहर निकलने से बचना चाहिए.
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के हानिकारक प्रभाव से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर उसका नकारात्मक असर होता है. इस लिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
आनंदमार्गियों ने इस बार गुरु पूर्णिमा पर ऑनलाइन सत्संग का आयोजन किया है. गुरु पूर्णिमा के पर्व पर आनंदमार्ग के प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत का प्रवचन होगा. प्रवचन के कार्यक्रम का आयोजन सुबह एवं शाम में किया जाएगा. सभी आनंदमार्गी इस कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लेंगे.
कोरोना वायरस की महामारी के चलते इस साल गुरु पूर्णिमा का स्वरूप बदल गया है. कोरोना संक्रमण के कारण गुरु पूर्णिमा का पर्व ऑनलाइन मनाया जा रहा है. अलग-अलग क्षेत्रों में सफलता अर्जित करने वाले उच्च लोग अपने - अपने तरीके से गुरुजनों का आभार व्यक्त कर रहे हैं तथा उन्हें याद कर रहें हैं.
गुरु पूर्णिमा के बाद वर्षा ऋतु का आरंभ माना जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन से चार महीने तक साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं.अध्ययन के लिए अगले चार महीने उपयुक्त माने गए हैं.
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को अमिताभ बच्चन, रवीना टंडन, मनोज बाजपेयी और निमरत कौर जैसी कई मशहूर हस्तियों ने अपने शिक्षकों और गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त किया.