भारत में चंद्र ग्रहण 5 जून को रात 11 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो गया है. इसे एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में भी देखा जा सकता है. चंद्र ग्रहण 6 जून यानी शनिवार को 2 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा. करीब सवा 3 घंटा के लिए चंद्र ग्रहण दिखाई दे सकता है. रात के जब 12.54 मिनट हो रहे होंगे तब चंद्र ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा रहेगा.


10 जनवरी को साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण लगा था. पूरे साल कुल छह ग्रहण लगनेवाले हैं. चार चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण दिखाई देंगे. आज के चंद्र ग्रहण को आंखों से नहीं देखा जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं माना जा रहा है बल्कि ग्रहण को उप छाया चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. जिसके चलते चांद पर सिर्फ हल्की परछाई पड़ती नजर आएगी. यूं कह सकते हैं कि चांद का रंग थोड़ा मटमैला हो जाएगा.


ग्रहण क्यों होता है? 


सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण भौगोलिक स्थितियों के कारण होता है. चंद्र ग्रहण उस वक्त लगता है जब सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है. जिससे चांद धरती की छाया से छिप जाता है.


ग्रहण के समय क्या नहीं करें?


ग्रहण के बारे में धार्मिक शास्त्रों में भी वर्णन मिलता है. कहा जाता है कि ग्रहण के समय चंद्रमा पीड़ित हो जाता है. इससे कई तरह की नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. जिसका असर मनुष्य पर भी पड़ता है. इसके दुष्प्रभाव और नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए. गहण के समय भोजन नहीं करने की सलाह दी जाती है माना जाता है कि ग्रहण के समय की किरणें खाने को दूषित कर देती हैं. जिससे शरीर में पेट, कान और दांत संबंधी रोग हो सकता है. ग्रहण लगने के बाद स्नान करने से भी बचना चाहिए.


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