केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों, एक विधायक और पार्टी के एक पूर्व नेता को सोमवार देर रात कोलकाता में प्रेसीडेंसी सुधार गृह ले जाया गया. राज्य के मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फ़रहाद हाकिम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पूर्व नेता सोवन चटर्जी को मेडिकल चेकअप के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच निजाम पैलेस से जेल ले जाया गया, जहां सीबीआई का ऑफिस है. जब उन्हें अंदर ले जाया गया तो चारों के परिवार के सदस्य सुधार गृह के बाहर मौजूद थे.


हकीम ने निजाम पैलेस के बाहर कहा, "मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. बीजेपी मुझे परेशान करने के लिए किसी को भी नियुक्त कर सकती है." कोलकाता नगर निगम के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर के अध्यक्ष ने कहा कि वह महामारी के समय में शहर के लोगों की मदद करने का अपना काम खत्म नहीं कर सके. मदन मित्रा ने कहा, "हम सभी बुरे आदमी हैं लेकिन मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी की तरह नहीं हैं." 


राज्यपाल ने दी सीबीआई केस चलाने की इजाजत 


बता दें कि 9 मई को राज्यपाल जगदीप घनखड़ ने टीएमसी के इन चारों नेताओं के खिलाफ सीबीआई केस चलाने की इजाजत दे दी थी. पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ सालों में शारदा स्कैम और नारदा स्कैम लगातार चल रहे हैं. इन मामलों की सीबीआई जांच भी कर रही है. अलग-अलग नेताओं के नाम इन मामलों में आए हैं. इन नेताओं के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाया जाए इसको लेकर राज्यपाल से अनुमति ली गई थी.


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