Gujarat Assembly Elections 2022: बीजेपी की टिकट पर पिछली बार जीतने वाले 6 बार के विधायक मधुभाई श्रीवास्तव को इस बार टिकट नहीं मिला. इसके बाद मधुभाई श्रीवास्तव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है और कहा है कि उन्हें पार्टी में शामिल होने का अफसोस है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कहने पर वह पार्टी में शामिल हुए थे.


साल 2002 में हुए गुजरात दंगों में बाहुबली नेता मधुभाई श्रीवास्तव का भी नाम आया था. वो एक स्थानीय बाहुबली नेता हैं. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने टिकट को लेकर कहा है कि कुछ कह नहीं सकते, सबकुछ दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व तय करता है. उन्होंने कहा कि हालांकि, मैंने सीएम भूपेंद्र पटेल से बात नहीं की है, मैं ऐसा क्यों करूं? जब मैं सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से बात कर सकता हूं, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर भी किसी ने उनसे बात नहीं की है.


‘पीएम मोदी और अमित शाह के कहने पर हुए बीजेपी में शामिल’


सूत्रों का कहना है कि मधुभाई श्रीवास्तव भी उन 6 बागियों में शामिल थे जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में राज्य के मंत्री हर्ष सांघवी से मिलने से इनकार कर दिया था. मधुभाई साल 1995 में बीजेपी में शामिल हुए थे. वो और उनके परिवार के सदस्य कांग्रेस, जनता दल और अन्य संगठनों के साथ भी रहे हैं. मधुभाई का कहना है कि जब वो साल 1995 में बीजेपी में शामिल हुए थे तब वो खुद अपनी मर्जी से पार्टी में नहीं आए थे. भारी बहुमत से जीतने के बाद पीएम मोदी और अमित शाह ने उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए कहा था. यही कारण रहा कि वो बीजेपी में शामिल हुए.


मधुभाई की टिकट काटकर वडोदरा जिला अध्यक्ष अश्विन पटेल को टिकट मिला है. उनके बारे में मधुभाई का कहना है कि उन्होंने एक लोकल इलेक्शन भी नहीं जीता है. मैं बहुत परेशान हूं और बीजेपी से नाराज भी हूं. मैंने बीजेपी के सभी पदों को छोड़ दिया है. हालांकि मधुभाई के इन बयानों को लेकर बीजेपी ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.


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