12 South African Cheetahs: मध्य प्रदेश में स्थित कूनो नेशनल पार्क में अब नए मेहमान आने वाले हैं. इस महीने के आखिरी तक दक्षिण अफ्रीका के 12 चीते कूनो नेशनल पार्क पहुंच सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 12 चीतों का दूसरा बैच जनवरी में साउथ अफ्रीका से भारत पहुंच सकता है. सभी चीते वहां पिछले 6 महीने से क्वारंटीन में हैं. 


सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों की सरकारों के बीच बातचीत अंतिम दौर में है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, "12 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय पार्क में स्थानांतरित करने के लिए दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों के साथ बातचीत अंतिम चरण में है और ये चीते जनवरी में पहुंच सकते हैं." 


पिछले साल नामीबिया से आए थे चीते


भारत के वन्यजीव संस्थान की ओर से तैयार ‘भारत में चीतों को फिर से लाने की कार्ययोजना' के अनुसार करीब 12-14 जंगली चीतों (8 से 10 नर और 4 से 6 मादा) को दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और अन्य अफ्रीकी देशों से मंगाया जाना है. यह संख्या देश में चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त है. इससे पहले 17 सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को छोड़ा था. 


14 बाड़ों में रहेंगे क्वारंटाइन


बता दें कि दक्षिका अफ्रीका से लाए जाने वाले 12 चीतों के लिए कूनो नेशनल पार्क में 14 बाड़े तैयार किए गए हैं. इनमें छह बाड़े पहले से ही बने थे. जबकि, शेष आठ बाड़ों को बना अब बनाया गया है. इन बाड़ों में दक्षिण अफ्रीका से लाए जाने वाले चीतों को क्वारंटाइन किया जाएगा. साथ ही यह भी तैयारी की जा रही है कि पहले से कूनो के बाड़े में रह रहे नामीबिया के आठ चीतों को खुले जंगल में छोड़ दिया जाए. 


चीतों को फिर से बसाने का प्रयास


इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में कहा था कि भारत के जंगलों में चीतों को फिर से बसाने का सरकार प्रयार कर रही है. अश्विनी चौबे ने कहा था, "प्रोजेक्ट टाइगर के तहत 38.7 करोड़ रुपये भारत में चीतों को फिर से लाने के लिए आवंटित किए गए थे. यह परियोजना 2021-22 से 2025-26 तक चलेगी." उन्होंने कहा था, "29.47 करोड़ रुपये चीतों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए है." 


कूनो पार्क में शिकार करने लगे चीते


इधर कूनो में पहले से रह रहे नामीबिया के आठ चीते अब तक 20 शिकार कर चुके हैं. इन शिकारों में नील गाय, चीतल आदि शामिल हैं. हर तीन से चार दिन में चीतों की टोली एक शिकार को अंजाम दे रही है. धीरे-धीरे चीते यहां के माहौल में ढलते नजर आ रहे हैं. पार्क प्रबंधन चीतों की हर गतिविधियों पर बारीकी से नजर जमाए हुए है.


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