MP: बीजेपी में शामिल हुए कांग्रेस के 22 बागी पूर्व विधायक, सिंधिया समेत कई नेता रहे मौजूद
इन 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और शुक्रवार को सीएम कमलनाथ ने मुख्यमंत्री निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पद से इस्तीफा दे दिया था.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश कांग्रेस के इस्तीफा दे चुके सभी विधायक शनिवार को बेंगलुरू से दिल्ली पहुंचे. 22 पूर्व विधायकों ने आज दिल्ली में जेपी नड्डा के आवास पर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. बीजेपी अध्यक्ष ने सभी विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ,नरेंद्र सिंह तोमर और विनय सहस्त्रबुद्धे जैसे नेता भी मौजूद रहे.ये वही विधायक हैं, जिनके इस्तीफे के कारण मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई.
मुख्यमंत्री कमलनाथ के शुक्रवार को इस्तीफा देने के बाद से ही सभी पूर्व विधायकों को बेंगलुरू से बुलाने की तैयारी शुरू हो गई थी. आखिरकार शनिवार को बेंगलुरू के रामदा रिसॉर्ट से सभी विधायक विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे.
इन विधायकों के इस्तीफे के बाद अब राज्य में उपचुनाव भी होगा. 22 विधायकों ने हाल में इस्तीफा दिया है और दो सीटें पहले से खाली चल रही हैं. ऐसे में राज्य में कुल 24 सीटों पर उपचुनाव होना है. सूत्र बता रहे हैं कि कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले इन विधायकों को बीजेपीटिकट देकर उपचुनाव में उतारेगी. ऐसे में अब कांग्रेस के ये सभी बागी नेता अपने क्षेत्र में जुटेंगे.
मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफा देने के बाद अब बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. हालांकि बीजेपीखेमे में अभी मंथन चल रहा है कि कब सरकार बनाने का दावा पेश किया जाए. दावे से पहले बीजेपीविधायक दल की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री का चेहरा तय होगा. हालांकि शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नया नेता चुना जाना तय माना जा रहा है.
नंबर गेम में बीजेपी टॉप पर
कांग्रेस के सभी 22 बागियों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद संख्या बल में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. उसके 106 विधायक हैं. वहीं, कांग्रेस के पास स्पीकर समेत सिर्फ 92 विधायक रह गए हैं. कांग्रेस के पास निर्दलीय और बसपा-सपा के 7 विधायकों का भी समर्थन है. वहीं एमपी में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 103 है.
बता दें कि सीएम कमलनाथ ने बीजेपी पर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि एक तथाकथित महाराज जिन्हें जनता नकार चुकी है और 22 लोभियों ने मिलकर बीजेपी के साथ खेल रच लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की.
जनता के सामने अपनी बात रख सौपा इस्तीफा
बीते शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस करने के तुरंत बाद कमलनाथ ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया. इससे पहले कमलनाथ ने कहा, 11 दिसंबर 2018 को पिछली विधानसभा का परिणाम आया, स्पष्ठ था कि कांग्रेस ने ज्यादा सीट हासिल की थी. 17 दिसंबर को मैने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल का गठन किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा आज 20 मार्च है पिछले 15 महीनों में मेरा प्रयास रहा कि हम प्रदेश को नई दिशा दें. इस्तीफा देने के पहले कमलनाथ ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को सामने रखा. इसमें मुख्य रुप से किसान कर्ज माफी, युवा रोजगार, प्रदेश में निवेश का वातावरण तैयार करने और सस्ती बिजली जैसे बातें मुख्य थीं.
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