(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मध्य प्रदेश में आदिवासी की पिटाई कर गाड़ी से बांधकर घसीटा गया, ईलाज के दौरान मौत
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुका था. पीड़ित को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.
नीमच: मध्यप्रदेश के नीमच जिले में आठ लोगों ने 40 वर्षीय एक आदिवासी व्यक्ति की पिटाई कर एक गाड़ी के पीछे रस्सी से बांधकर उसे कुछ दूरी तक घसीटा. बाद में पीड़ित आदिवासी की ईलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने शनिवार को बताया कि इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पीड़ित की पहचान कन्हैयालाल भील के तौर पर की गई है जिसकी मौत शुक्रवार को नीमच के जिला अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई. यह घटना गुरुवार की सुबह पीड़ित और बाइक पर सवार एक दूधवाले के बीच मामूली सड़क दुर्घटना के बाद हुई. पुलिस अधीक्षक (एसपी) सूरज कुमार वर्मा ने बताया, जिला मुख्यालय से लगभग 84 किलोमीटर दूर नीमच-सिंगोली मार्ग पर खड़े बाणदा गांव के पीड़ित कन्हैयालाल भील को बाइक पर सवार दूधवाले छीतरमल गुर्जर ने टक्कर मार दी.
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के कारण सड़क पर दूध गिर जाने से गुर्जर ने आपा खो दिया और भील की जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद गुर्जर ने अपने दोस्तों को बुलाया और भील के साथ फिर मारपीट की और वहां से गुजर रहे एक वाहन के पिछले हिस्से में भील को रस्सी से बांध दिया और कुछ दूर तक उसे घसीटा गया. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुका था. पीड़ित को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.
पांच आरोपियों की पहचान
आठ आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 302 (हत्या), भादंवि की अन्य संबद्ध धाराओं और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. पांच आरोपियों की पहचान छीतरमल गुर्जर (32), महेंद्र गुर्जर (40), गोपाल गुर्जर (40), लोकेश बलाई (21) और लक्ष्मण गुर्जर के रूप में हुई है. शेष अन्य आरोपियों का पता लगाने का प्रयास जारी है. वारदात को अंजाम देने में कथित तौर पर इस्तेमाल की गई बाइक, दो चार पहिया वाहन और नायलॉन की रस्सी को जब्त कर लिया गया है.
इस बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'सतना, इंदौर, देवास और अब नीमच में अमानवीयता की घटनाएं. पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल, लोग बेखौफ होकर कानून हाथ में ले रहे हैं. कानून का कोई डर नहीं, सरकार नाम की चीज कहीं भी नजर नहीं आ रही है.' उन्होंने मांग की कि सरकार ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर तत्काल आवश्यक कदम उठाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो.
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