भोपाल: इन दिनों शिवराज सरकार की प्रशासनिक क्षमता की लगातार परीक्षा हो रही है और राज्य सरकार हर बार इसमें नाकाम होती दिख रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तमाम दावों के बावजूद मध्य प्रदेश में किसानों का प्याज आसानी से नहीं बिक पा रहा है. उज्जैन में किसान प्याज बेचने के लिए लंबी-लंबी कतार में खड़े हो रहे हैं. जिसके चलते यहां 3 किलोमीटर तक प्याज से लदी ट्रालियों की लाइन लगी हुई है. कुछ ऐसा ही नजारा मध्य प्रदेश के दूसरे जिलों में भी देखने को मिला.
प्याज किसानों की वजह से ही हुआ था आंदोलन
मध्य प्रदेश में इस साल प्याज की बंपर पैदावार हुई है. प्याज किसानों की वजह से ही मध्य प्रदेश में आंदोलन शुरू हुआ. दरअसल किसानों को प्याज की सही लागत नहीं मिल पा रही थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश सरकार किसानों से 8 रुपये प्रति किलो के भाव से प्याज खरीद रही है. जबकि देश में फुटकर बाजार में प्याज 15-20 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. आपको बता दें कि एमपी के खंडवा, शाजापुर, रतलाम, छिंदवाड़ा, सागर और इंदौर में प्याज की खेती होती है.
लाइनों में खड़े हैं देश के अन्नदाता
ये लाइन भंडारे के प्रसाद के लिए नहीं लगी है...और ना ही तत्काल टिकट वालों की लाइन है. इन लाइनों में देश के अन्नदाता खड़े हैं. तस्वीरें मध्य प्रदेश के शाजापुर की हैं. तहसीलदार के दफ्तर में प्याज बेचने के लिए किसानों को टोकन बांटने का एलान होते ही काउंटर पर किसानों की लंबी लाइन लग गई. ऐसी ही चार लाइनों में 100-100 की संख्या में 200किसानों ने टोकन लिया.
कछुए की चाल से हो रही है प्याज की सरकारी खरीद
किसान लाइन में थे, तो प्याज से भरे उनके ट्रक सड़कों पर खुले आसमान में खड़े थे. उज्जैन की कृषि मंडी के बाहर किसानों को अपना प्याज बेचने के लिए दो से तीन दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है. एमपी में प्याज की सरकारी खरीद हो रही है लेकिन कछुए की चाल से. मध्य प्रदेश के इंदौर में तो बारिश ने किसानों की मुसीबत और बढ़ा दी है. मजबूर किसान किसी तरह से प्याज से लदे ट्रकों को ढंकने की कोशिश कर रहे हैं. बारिश से कुछ किसानों के प्याज भीगकर सड़ गए हैं.
प्याज से लदे ट्रकों की 3 से 4 किलोमीटर लंबी कतार
राज्य के कई जिलों में कृषि मंडियों के बाहर प्याज से लदे ट्रकों की 3 से 4 किलोमीटर लंबी कतार लगी है. प्य़ाज किसानों का नंबर कब आएंगे उन्हें भी नहीं पता. रोजाना सिर्फ 50 से 60 ट्रक प्याज की खरीद ही हो पा रही है. सरकार की तरफ से प्याज के लिए किसानों को 8 रुपए प्रति किलो का भाव दिया जा रहा है. जबकि खुले बाजार में यही प्याज ढाई गुना ऊंचे दाम तक बिक रहा है. राजधानी भोपाल में एक किलो प्याज 15 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. दिल्ली में कीमत 20 रुपये है और मुंबई में भी कीमत 15 रुपये प्रति किलो तक है.
आपको बता दें कि एमपी में किसानों का जो आंदोलन हुआ उसकी बड़ी वजह प्याज किसान ही थे. बंपर पैदावार की वजह से उन्हें सही लागत नहीं मिल पा रही थी लेकिन अब किसानों को प्याज बेचने के लिए दो-तीन दिन तक धूप और बारिश में गुजारने पड़ रहे हैं.