नई दिल्ली: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों को नई सरकार बनते ही कर्जमाफी का तोहफा मिला है. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ शपथ ग्रहण के दो घंटे के भीतर दो लाख तक कर्ज माफ कर दिया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एमपी में किसानों की कर्जमाफी के बाद ट्वीट किया, ''मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया है, अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ की बारी है.'' हालांकि राहुल के ट्वीट के बाद ही छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कर्जमाफी का एलान कर दिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे बड़ा चुनावी वादा पूरा करते हुए सारा कर्जा माफ करने का एलान किया. अब सिर्फ राजस्थान में एलान होना बाकी है.


मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने क्या फैसले लिए ?
मध्य प्रदेश के किसानों का बकाया 2 लाख रुपये तक का फसल कर्ज माफ कर दिया गया है. इसके अलावा कन्या विवाह योजना की सहायता राशि बढ़ाई गई है. कन्या विवाह योजना के लिए 51 हज़ार रुपये मिलेंगे जबकि पहले हितग्राही को 25 हज़ार रुपये की मदद मिलती थी. इसके अलावा प्रदेश में 4 गारमेंट्स पार्क को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंज़ूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में निवेश और रोज़गार को लेकर भी सीएम कमलनाथ ने बड़ा फैसला लिया है.


छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने क्या फैसले लिए?
बघेल सरकार ने राज्य के करीब 16 लाख किसानों का सारा कर्ज माफ करने का एलान किया है. छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक और कॉपरेटिव बैंक से कर्ज लेने वाले किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. कमर्शियल बैंकों से लोन लेने वाले किसानों की जांच के बाद कर्जमाफी होगी.


छत्तीसगढ़ सरकार ने धान की फसल पर एमएसपी 2500 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा की है जो पहले 1750 रुपए क्विंटल था. वहीं झीरम घाटी हमले की जांच के लिए भी एसआईटी का गठन किया है, 2013 में हुए इस हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नंद कुमार पटेल समेत 29 लोग मारे गए थे.


शपथ ग्रहण में दिखाई विपक्षी एकता
तीनों राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कल एक साथ शपथ ग्रहण हुआ. इस शपथ ग्रहण में कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता मौजूद रहे. इसके साथ ही विपक्षी एकता दिखाने की भी कोशिश की गई. शपथ ग्रहण समारोह में मल्लिकार्जुन खडगे, नारायणसामी, राजीव शुक्ला, आनंद शर्मा, कुमारी शैलजा, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, भांवर जितेन्द्र सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू, राज बब्बर, गौरव गोगोई, अब्दुल मन्नान, कैप्टन अमरिंदर सिंह, भूपेन्द्र सिहं हुड्डा समेत तमाम कांग्रेसी नेता शामिल हुए.


वहीं दूसरी ओर अन्य दलों से शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, चंद्रबाबू नायडू, दिनेश त्रिवेदी,एचडी दैवेगौड़ा, एचडी कुमारस्वामी, फारुख अब्दुल्ला, शरद यादव, संजय सिंह, एम.के स्टालिन, कनिमोझी, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, जयंत चौधरी, जीतन राम मांझी, बाबूलाल मरांडी, बदरुद्दीन अजमल, राजू शेट्टी, प्रेम चंद्र, उपेन्द्र कुशवाहा, पीके कुन्हालिकुट्टी शामिल हुए. दिल्ली हाईकोर्ट से सज्जन सिंह के खिलाफ फैसला आने के बाद आम आदमी पार्टी ने कमलनाथ के शपथग्रहण से किनारा कर लिया.