भोपालः मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से नाराज नेताओं का दल बदल जारी है. नाराज नेताओं ने पार्टी के खिलाफ बगावत का झंडा भी उठा रखा है. ऐसे में बागी तेवर अपनाए हुए नेताओं से निपटने के लिए पार्टी ने इन लोगों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है. पार्टी ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए अपने 64 बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है.
बागी तेवर अपनाए हुए जिन वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है उसमें से सरताज सिंह, रामकृष्ण कुष्मारिया, नरेंद्र कुशवाहा, समीझा गुप्ता, लता मस्की, धीरज पटेरिया और राजकुमार यादव शामिल हैं. सभी अपने पसंदीदा उम्मीदवार या खुद को टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं.
बता दें कि राज्य में 28 नवंबर को मतदान होगा. 230 सदस्यों वाली इस विधानसभा के लिए एक चरण में मतदान संपन्न होंगे. वोटों की गिनती 11 दिसंबर को होगी. राज्य में पिछले 15 साल से बीजेपी की सरकार है.
राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने के लिये लगभग 14,000 मतदान केन्द्रों पर वेबकास्टिंग की जायेगी. इस बात की जानकारी भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने दी थी.
राज्य में अधिक से अधिक वोटिंग हो इसके लिए आयोग भी पूरी तैयारी में जुटी हुई है. अलग-अलग माध्यमों का सहारा लेकर आयोग राज्य में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश में जुटा हुआ है.
गौलतलब है कि मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए कांग्रेस जी तोड़ मेहनत कर रही है. वहीं चौथी बार सरकार बनाने के लिए बीजेपी हर संभव जुटी हुई है. राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग भी जारी है. दोनों दलों के नेता एक दूसरे के खिलाफ हमला बोल रहे हैं.
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