BJP Madhya Pradesh Election Plan: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी (BJP) गुजरात वाली रणनीति अमल में ला सकती है. पार्टी नेताओं के मुताबिक, बीजेपी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने, नेताओं के बीच मतभेदों को दूर करने और नई पीढ़ी के मतदाताओं से जुड़ाव बढ़ाने के लिए व्यापक रणनीति बना रही है. 


हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात की तरह मध्य प्रदेश में नई मंत्रिपरिषद लाने की अटकलों के बीच नाम न जाहिर करने की शर्त पर बीजेपी पदाधिकारियों ने बताया कि ऐसी संभावना है कि नए चेहरे मैदान में उतारने के लिए पार्टी 40 से 45 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है. 


मतदाताओं और समुदायों के बीच मजबूत पहुंच बनाएगी BJP


रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी की ऐसी संभावित रणनीति, गुजरात में सदन को व्यवस्थित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश और चुनाव में जीत के लिए गुजरात इकाई की तारीफ के मद्देनजर सामने आई है. पिछले हफ्ते बीजेपी सांसदों की एक बैठक में, पीएम मोदी ने 182 में से 156 सीटें जीतने के लिए गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल की पीठ ठोकी थी.


रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पदाधिकारी के हवाले से बताया गया है कि आने वाले हफ्तों में बीजेपी मध्य प्रदेश में मतदाता जुड़ाव, समुदायों के बीच ठोस पहुंच और मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए बूथ समितियों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को दोहराएगी.


'गुजरात वाले प्लान से थमेगी सत्ता विरोधी लहर'


वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि गुजरात में बीजेपी की इसी रणनीति के बदौलत फायदा मिला, जहां पार्टी 1995 के बाद से कोई विधानसभा चुनाव नहीं हारी है. मध्य प्रदेश में भी नेताओं को उम्मीद है कि गुजरात वाले प्लान से सत्ता विरोध लहर की अड़चन दूर करने में मदद मिलेगी. 


बता दें कि मध्य प्रदेश में बीजेपी 2003 लेकर 2018 तक लगातार सत्ता में थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी हार गई थी. 230 सीटों में से 108 सीटें बीजेपी के खाते में आई थीं. वहीं, कांग्रेस ने 114 सीटें जीतकर सरकार बना ली थी. राज्य की सत्ता में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने उस समय वापसी कर ली थी जब मार्च 2020 में कांग्रेस के 21 विधायकों ने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. 


'वीडी शर्मा के अध्यक्ष बनते ही शुरू हो गए थे बदलाव'


रिपोर्ट के मुताबिक, पदाधिकारी ने बताया, ''हम लंबे वक्त से सत्ता में बने रहने की चुनौतियों और खतरों के बारे में जानते हैं. इससे एक तरह की बोरियत आ जाती है. लोग, खासकर युवा वर्ग बदलाव के खिलाफ नहीं है. इसे ध्यान में रखते हुए फरवरी 2020 में वीडी शर्मा के मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनते ही राज्य और जिला स्तर पर बदलाव शुरू हो गए थे. तब से यह तय करने के लिए उपाय शुरू हो गए थे कि मतदाता जो चाहते हैं, उसके साथ तालमेल बिठाया जा सके.''


युवा नेताओं को तैयार करने पर भी ध्यान दे रही बीजेपी


रिपोर्ट में मध्य प्रदेश बीजेपी के एक दूसरे पदाधिकारी के हवाले लिखा गया है कि बदलाव के पहले चरण में, वीडी शर्मा के नेतृत्व में सभी 64 हजार बूथों का डिजिटलीकरण सुनिश्चित किया गया. मंत्रिपरिषद समेत सभी नेताओं को एक बूथ में 10 दिन बिताने का निर्देश दिया गया. साथ ही साथ पार्टी युवा नेताओं को तैयार करने पर भी ध्यान दे रही है. 


पदाधिकारी ने आगे बताया, ''सभी जिलाध्यक्ष अब 50 साल से कम उम्र के हैं और सभी मंडल अध्यक्ष 35 साल से कम उम्र के हैं. इससे पुराने और नए नेताओं के बीच टकराव हुआ लेकिन नेतृत्व ने स्थिति को शांत करने के लिए कदम बढ़ाया और युवा पीढ़ी को जिम्मेदारी देने की जरूरत समझाई. अन्य दलों से आए लोगों को बीजेपी में फिट होने में मदद के लिए एक प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया गया था.''


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