Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा हमला किया है. अपने पूर्व सहयोगी सिंधिया को लेकर रविवार को दिग्विजय सिंह ने कहा कि, "राजाओं और महाराजाओं" ने खुद को बेच दिया, लेकिन आदिवासी विधायकों ने अपनी और अपने चरित्र की ईमानदारी दिखाई.”


धार जिले में मीडिया से बातचीत के दौरान दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि कांग्रेस से चुने गए 28 आदिवासी विधायकों को पाला बदलने के लिए 25-30 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, लेकिन उनमें से एक को छोड़कर, किसी ने भी कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा. यही कांग्रेस है और यह आदिवासियों का चरित्र है... राजा-महाराजा ने तो खुद को बेच दिया, लेकिन आदिवासियों ने खुद को नहीं बेचा.''


सिंधिया के साथ कई MLA बीजेपी में चले गए थे


मध्य प्रदेश में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी थी. 15 महीने तक कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चली, लेकिन मार्च 2020 में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने कई समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए, जिससे कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में बीजेपी ने सरकार बना ली.


'बड़े नेता को टिकट देने का फैसला केंद्रीय इकाई करेगी'


आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करने में कांग्रेस की ओर से हो रही देरी पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पहले यह देखना चाहती थी कि भाजपा के उम्मीदवार कौन होंगे. कांग्रेस भी बीजेपी की तर्ज पर दिग्गजों को मैदान में उतारे या नहीं, इसका फैसला केंद्रीय इकाई करेगी."


'भगवान से प्रार्थना है कि अब कोई सिंधिया पार्टी में न आए'


आगामी विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि वह भगवान से प्रार्थना करते हैं कि अब कोई भी सिंधिया पार्टी में न आए. दिग्विजय सिंह ने बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के उस बयान पर भी चुटकी ली, जिसमें उन्होंने टिकट मिलने के बाद कहा था कि उनके लिए विश्वास करना मुश्किल हो रहा है कि पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता चुनाव लड़ने से डरते हैं.


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