Bhojshala Complex ASI Survey: मध्य प्रदेश के धार शहर के विवादास्पद भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम सर्वे करने गुरुवार (28 मार्च, 2024) को पहुंची. इस सर्वेक्षण का आज सातवां दिन है. यह सर्वेक्षण मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर शुरू किया गया है.
भोजशाला परिसर में सर्वेक्षण के दौरान हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष गोयल और गोपाल शर्मा के साथ ही मुस्लिम समुदाय के नेता अब्दुल समद एएसआई दल के बुधवार को मौजूद थे. गोयल ने बताया कि एएसआई का दल भोजशाला परिसर के 50 मीटर के दायरे में खुदाई में जुटा है.
हिंदू और मुस्लिम पक्ष का क्या दावा है?
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को एएसआई को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का 'वैज्ञानिक सर्वेक्षण' करने का निर्देश दिया था. यह परिसर एक मध्ययुगीन स्मारक है जिसे हिंदू समुदाय वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानता है.
वहीं मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है. एएसआई ने कोर्ट के निर्देश पर भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण 22 मार्च को शुरू किया था.
हिंदुओं और मुस्लिम को क्या इजाजत है?
एएसआई के सात अप्रैल 2003 को जारी आदेश के अनुसार चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है.
माना जाता है कि हिंदू राजा भोज ने 1034 ईस्वी में भोजशाला में वाग्देवी की मूर्ति स्थापित की थी. हिंदू संगठनों का कहना है कि अंग्रेज इस मूर्ति को 1875 में लंदन ले गए थे.
इनपुट भाषा से भी.
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