Madhya Pradesh में नई शराब नीति पर घमासान, जानें क्या है पूरा विवाद
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नई शराब नीति (Liquor Policy) पर घमासान शुरू है. ऐसे में जानें क्या है पूरा विवाद और किस नेता ने क्या कहा?
Madhya Pradesh New Liquor Policy: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नई आबकारी नीति (Liquor Policy) विवादों के घेरे में आ गई है. शिवराज सिंह सरकार (Shivraj Singh Chouhan) ने नई नीति में शराब (Liquor) सस्ती कर दी है और शराब दुकानें ना बढ़ाने का वायदा करके भी एक दुकान में दो दुकानों की अनुमति दे दी है. ये और बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने पिछले साल कहा था कि वो 15 जनवरी 2022 तक शराबबंदी करवाएंगी नहीं तो सड़कों पर उतरेंगी. लेकिन ठीक दो दिन बाद शराबबंदी तो दूर शिवराज कैबिनेट ने नई शराब नीति का ऐलान कर दिया.
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के नये साल में शराब सस्ती करने पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमासान मचा है. सरकार की नई शराब नीति के मुताबिक प्रदेश में देसी और विदेशी शराब एमआरपी से करीब बीस फीसदी तक कम दामों पर मिलेगी. हांलाकि शराब की नई दुकानें नहीं खोली जाएंगी. मगर देशी विदेशी शराब एक ही दुकान पर मिल पाएंगीं. 1 अप्रैल से सुपर बाजार में भी वाईन बिक सकेगी. कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरा है.
कांग्रेस के नेता जीतू पटवारी ने कहा कि जो सरकार ने शराब की नीति बनाई है कि लोगों को पिलाओ नशे में रखो ताकि उनको सच्चाई समझ में ना आए. वहीं बीजेपी के नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ये वही कांग्रेस है ये वही कमलनाथ हैं जो महिलाओं के लिये अलग से शराब बेचने वाले थे. घर-घर पहुंचाने का सिस्टम कमलनाथ जी करने वाले थे. बगल में छत्तीगढ़ में कांग्रेस की सरकार है वहां शराब का क्या हाल है. पंजाब में इनकी सरकार है वहां क्या हाल है उड़ता पंजाब बना दिया है.
हालांकि, भाजपा नेता उमा भारती ने पिछले साल सरकार को शराबबंदी के लिये 15 जनवरी तक अल्टीमेटम दिया था. वहीं नरोत्तम मिश्र ने कहा कि आबकारी नीति जो मध्य प्रदेश की है उसके 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक जो प्रस्तावित थी उसको अनुमति प्रदान की गई है.
राज्य में शराब की नई दुकान तो नहीं खुलेगी लेकिन विदेशी शराब में 10%-13% तक एक्साइज ड्यूटी कम कर दी गई है. एक ही दुकान पर अंग्रेजी और देसी दोनों शराब मिल पाएंगी. राज्य में फिलहाल 2544 देसी, 1061 विदेशी शराब दुकानें हैं. अंगूर के अलावा जामुन से भी शराब बनाने की अनुमति दी जाएगी.
शराब नीति के मुताबिक लोग पहले के मुकाबले 4 गुना ज्यादा शराब घर पर रख सकेंगे. जिस शख्स की सालाना आय 1 करोड़ रु है, वो घर पर बार भी खोल सकेगा. भोपाल और इंदौर में माइक्रो बेवरेज को मंजूरी मिली हैं जिसमें रोज़ाना 500 से 1000 लीटर शराब बनाने की क्षमता होती है. एयरपोर्ट पर अंग्रेजी शराब की दुकानें होंगी. मॉल्स में काउंटर पर वाइन भी मिल सकेगी.
कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि शिवराज सिंह को आभार कहता हूं कि प्रदेश में एक भी देसी-विदेशी मदिरा की दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि बिहार में शराब कानूनी रूप से बंद हुई अवैध बिक रही है.
वैसे मॉनसून सत्र में महज़ 5 मिनट में मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021 पास हुआ था जिसमें जहरीली शराब से संबंधित अपराधों के लिए सज़ा-ए-मौत तक का प्रावधान है. मगर प्रदेश में ज़हरीली शराब से मौतें तो हो रहीं हैं. उधर सरकार का दावा है कि नई नीति से इस पर रोक लगेगी.
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